Winter Prediction: आधा नवंबर बीतने को आया, `गुलाबी` सर्दी अभी तक क्यों नहीं आई? IMD ने कहानी समझाई
Winter Prediction: दिल्ली में आमतौर पर 13-14 नवंबर तक तापमान (Delhi Temperature) 10-12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार अभी भी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 18-20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है. जबकि, अधिकतम तापमान तो 33-34 डिग्री सेल्सियस पहुंच जा रहा है.
Why November is Hot: नवंबर का दूसरा सप्ताह भी खत्म होने वाला है, लेकिन अभी तक देश में ठंड ने दस्तक नहीं दी है. दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह-सुबह आसमान में धुंध और कोहरा (Delhi Fog-Smog) छाया रहा और तापमान में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन इसके बाद भी तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आमतौर पर 13-14 नवंबर तक तापमान (Delhi Temperature) 10-12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार अभी भी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 18-20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है. इसके साथ ही दिन के समय अधिकतम तापमान तो अब 33-34 डिग्री सेल्सियस पहुंच जा रहा है और लोगों को एसी-पंखा चलाना पड़ रहा है.
नवंबर आने के बाद भी क्यों तापमान नहीं हो रहा है कम?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने मौसम की वर्तमान प्रवृत्ति और सर्दी आने में देरी के बारे में कहा, 'हर साल मौसमी हवाओं और तापमान में गिरावट की एक प्रवृत्ति सर्दियों की शुरुआत के साथ बनती है. लेकिन, इस साल वे स्थितियां अभी तक नहीं बनी हैं.' उन्होंने कहा, 'उत्तरी हवा का प्रवाह और पश्चिमी विक्षोभ अभी पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुए हैं. हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि 17 नवंबर के आसपास यह प्रवृत्ति बदल जाएगी, जिसके बाद तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी.'
मौसम वैज्ञानिक डॉ सोमा सेन रॉय ने बताया कि अभी तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जिसकी वजह से नवंबर में भी गर्मी का एहसास हो रहा है. खासकर नॉर्थ-ईस्ट और सेंट्रल इंडिया में तापमान काफी सामान्य हैं और इसी कारण गर्मी बनी हुई है. उन्होंने आगे कहा, 'मौसम में ज्यादा बदलाव की एक वजह यह भी है कि पिछले 10 से 15 दिनों के बीच कोई खास पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है. पश्चिमी विक्षोभ आने से बादल आते हैं और बारिश होती है, जिसके चलते तापमान बढ़ता है और फिर बाद में तापमान गिर जाता है. ऐसी स्थिति ना होने के कारण न्यूनतम तापमान में पिछले कई दिनों से खास बदलाव नहीं आया है और जिस वजह से अभी का न्यूनतम तापमान काफी ऊपर चल रहा है. पंजाब और हरियाणा में छह-सात डिग्री सेल्सियस अधिक है, इसके अलावा दिल्ली और उससे सटे क्षेत्रों में चार से पांच और राजस्थान, यूपी और एमपी में दो से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है. इस स्थिति में खास बदलाव आने की उम्मीद नहीं है.'
वैश्विक जलवायु परिवर्तन का भी प्रभाव
वैश्विक जलवायु परिघटनाओं जैसे कि अलनीनो और लानीना के कारण स्थिति और भी जटिल हो गई है, जो क्षेत्रीय मौसम पैटर्न को प्रभावित कर रहे हैं. अल नीनो, जो गर्म तापमान से जुड़ा है और इसके इस सर्दी में कम होने की उम्मीद थी, लेकिन यह तटस्थ अवस्था में रहा. इस बीच, ला नीना, जो संभावित रूप से ठंडा मौसम ला सकता है और नवंबर-दिसंबर के बीच विकसित हो सकता है. हालांकि, इसके समय और ताकत के बारे में अनिश्चितता है. आईएमडी के पूर्वानुमान से पता चलता है कि 14 से 21 नवंबर के बीच एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ की उम्मीद है, लेकिन इसका प्रभाव ऊपरी हिमालय तक सीमित रहने की संभावना है, जिससे दिल्ली काफी हद तक अप्रभावित रहेगी.
कब बदलने लगेगा मौसम?
मौसम वैज्ञानिक डॉ सोमा सेन रॉय ने बताया कि 14 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है, जिसका असर नॉर्थ इंडिया में देखने को मिलेगा. इसके चलते जम्मू-कश्मीर में बारिश देखने को मिल सकती है. हालांकि, बाकी जगह इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. 14 नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ों पर हल्की बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, जिसके चलते मैदानी इलाकों में भी तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है, जिसके बाद सुबह और शाम में हल्की गुलाबी ठंड का एहसास होना शुरू हो सकता है.
उन्होंने कोहरे की स्थिति के बारे में बात करते हुए बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई रीजन में कोहरा होने की रिपोर्ट मिली है. कई जगह बहुत घना कोहरा देखा गया है, जहां 50 मीटर से कम की विजिबिलिटी थी। कोहरे की स्थिति अभी दो से तीन दिनों तक बरकरार रहेगी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी पीटीआई और आईएएनएस)