World First Portable Hospital Trial Successful: भारत की तीनों सेनाएं तेजी से अनिश्चित होती जा रही दुनिया में आधुनिकीकरण को रफ्तार देने में जुटी हैं. अब भारतीय वायु सेना और सेना ने मिलकर ऐसा कारनामा किया है, जिसके बारे में जानकर आप गर्व कर उठेंगे. दोनों सेनाओं ने मिलकर 15 हजार फुट की ऊंचाई से एक घरेलू पोर्टेबल अस्पताल को सफलतापूर्वक एयर ड्रॉप किया. 


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दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल


रक्षा मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए इस पोर्टेबल अस्पताल को 'आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब' के रूप में जाना जाता है. दुनिया के इस पहले पोर्टेबल अस्पताल का इस्तेमाल किसी भी स्थान पर इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर फैसिलिटीज देने के लिए किया जाता है. इस तरह के पोर्टेबल अस्पताल से सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में भी जीवन बचाया जाता है.


15 हजार फुट की ऊंचाई से एयरड्रॉप


मंत्रालय ने बताया कि आज का यह एयर ड्रॉप ट्रायल पीएम मोदी के उस विजन को देखते हुए किया गया, जिसमें उन्होंने किसी भी आपदा के वक्त प्रभावित इलाकों में मानवीय सहायता और आपदा राहत तुरंत पहुंचाई जानी चाहिए. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान का इस्तेमाल किया. पोर्टेबल अस्पताल को विमान में रखकर 15 हजार फुट की ऊंचाई पर ले जाया गया और इसके बाद उसे नीचे एयर ड्रॉप कर दिया गया. 



इमरजेंसी में तुरंत पहुंचा सकेंगे मदद


रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना की पैरा ब्रिगेड ने अपने आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके ट्रॉमा केयर क्यूब को सफलता के साथ ड्रॉप करने और फिर उसे नीचे ऑपरेशनल करने में अहम भूमिका निभाई. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रदर्शन ने देश के सबसे दूरदराज के इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में संकट के वक्त तुरंत मानवीय सहायता पहुंचाने में मिलिट्री के संसाधनों के इस्तेमाल की अहमियत भी बताई है. 


प्रोजेक्ट भीष्म के तहत किया गया निर्माण


इन पोर्टेबल क्यूब्स का निर्माण भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग हित एंड मैत्री यानी BHISHM प्रोजेक्ट के तहत किया गया है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस इन पोर्टेबल अस्पतालों को जनवरी में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए अयोध्या में बी तैनात किया गया था.