नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर युवाओं को कौशल बढ़ाने के मंत्र दिए. कोरोना के इस संकट ने विश्व संस्कृति के साथ ही जॉब की प्रकृति को भी बदलकर के रख दिया है. बदलती हुई नित्य नूतन तकनीकी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि स्किल युवाओं की सबसे बड़ी ताकत है.


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पीएम मोदी ने विश्व युवा कौशल दिवस पर सभी नौजवानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "आज का ये दिन आपकी स्किल को, आपके कौशल को समर्पित है. कई लोग मुझसे पूछते हैं कि आज के दौर में बिजनेस और बाजार इतनी तेजी से बदलते हैं कि समझ ही नहीं आता प्रासंगिक कैसे रहा जाए. कोरोना के इस समय में तो ये सवाल और भी अहम हो गया है. मैं इसका एक ही जवाब देता हूं. प्रासंगिक बने रहने का मंत्र है: स्किल, री-स्किल और अपस्किल."


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पीएम मोदी ने कहा, "स्किल का अर्थ है, आप कोई नया हुनर सीखें. जैसे कि आपने लकड़ी के एक टुकड़े से कुर्सी बनाना सीखा, तो ये आपका हुनर हुआ. आपने लकड़ी के उस टुकड़े की कीमत भी बढ़ा दी. वैल्यू एडिशन किया. लेकिन ये कीमत बनी रहे, इसके लिए नए डिजाइन, नई स्टाइल, यानी रोज कुछ नया जोड़ना पड़ता है. उसके लिए नया सीखते रहना पड़ता है और कुछ नया सीखते रहने का मतलब ये है री-स्किल." 


पीएम ने कहा, "स्किल, री-स्किल और अपस्किल का ये मंत्र जानना, समझना, और इसका पालन करना है. हम सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है." 


स्किल इंडिया मिशन की 5वीं सालगिरह पर पीएम मोदी ने कहा, "स्किल केवल रोजी-रोटी कमाने का जरिया नहीं है, यह हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आता है. स्किल की ताकत इंसान की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है. नए स्किल से जीवन के प्रति उत्साह बना रहता है. हुनर ही इंसान को जीने की ताकत देता है. कुछ नया सीखने की ललक न हो तो जीवन ठहर जाता है."