Why Wrestlers are Protesting: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों के बीच कहा कि मैं भागा नहीं हूं. अपने घर पर ही हूं. रविवार से बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं.  पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई चीफ पर धमकाने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. जी न्यूज से बातचीत में बृजभूषण सिंह ने कहा, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.आज जो कोर्ट ने तय किया मैं उसका स्वागत करता हूं. मुझे पुलिस जांच और सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. जहां भी जांच में जरूरत पड़ेगी, मैं सहयोग करूंगा.


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उन्होंने आगे कहा, अब तक एफआईआर दर्ज हो जानी चाहिए थी. मैं कानून का पालन करूंगा और कर भी रहा हूं. मैं भागा नहीं हूं, अपने घर पर ही हूं.


'पहले ही लिखी जा चुकी होती FIR'


जब पूछा गया कि महिला पहलवानों के अनशन पर बैठने की नौबत क्यों आई तो उन्होंने कहा, 2012 से 2022-23 तक इनके साथ गलत होता रहा. लेकिन न तो इन्होंने इसकी शिकायत न तो खेल मंत्रालय से की और न ही पुलिस स्टेशन से. न आईओ से न ही मीडिया से. अब ये लोग अपनी शिकायत थाने ले जाने के बजाय जंतर-मंतर पहुंचते हैं. अगर ये काम पहले करते तो इनकी एफआईआर पहले ही लिखी जा चुकी होती. उन्होंने आगे कहा, 'प्रदर्शन से 10 पहले तक ये सारे नामी पहलवान मुझसे मिलते थे. संपर्क में थे.'
 



'कमेटी के फैसले का करना चाहिए था इंतजार'


 


जब उनसे पूछा गया कि पहलवान कह रहे हैं कि जब तक आप इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक अनशन जारी रहेगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ये खिलाड़ी जब पहले आए थे तो इन्होंने कहा था कि जब तक अध्यक्ष बदला नहीं जाता तो हम अपना अनशन जारी रखेंगे. उसके बाद ये यौन उत्पीड़न पर आ गए. इस पर खेल मंत्रालय-IO ने कमेटी बनाई. इसके फैसले का इंतजार करना चाहिए था.


क्या हरियाणा लॉबी है खिलाफ?


जब उनसे पूछा गया कई लोग कह रहे हैं कि हरियाणा की पहलवान लॉबी आपके इसलिए खिलाफ है कि आप खेल को कई जगहों पर ले गए और कहीं बाहर भी पहलवान डेवेलप हो रहे हैं. क्या इसमें लॉबी का खेल है? इस पर उन्होंने कहा, हरियाणा के रेसलर और गार्जियन मुझसे नाराज नहीं हैं. कुछ रेसलर हैं, जो एक ही परिवार से संबंधित हैं और जितने आरोप लगाने वाले बच्चे हैं, वे सब एक ही अखाड़े से संबंधित हैं. 


आगे उन्होंने कहा, कैंप में हरियाणा के भी बच्चे रहते हैं इनके अलावा, कर्नाटक, केरल, बंगाल, हिमाचल, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश के बच्चे रहते हैं. लेकिन किसी के साथ कोई घटना नहीं घटती, सिर्फ इनके साथ घटती है. 2012 से लेकर आज तक घट रही है और ये उसे सह रहे हैं. ये लोग आते हैं तो जंतर-मंतर पर. न तो खेल मंत्रालय के पास जाते हैं, न थाने में और न ही मीडिया के पास.


क्या आप इस्तीफा देंगे? इस सवाल के जवाब में बृजभूषण ने कहा, मेरे इस्तीफा हो चुका है. मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है. मैं तो चुनाव होने तक कामकाज देख रहा हूं.