United World Wrestling On Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हरियाणा के कुछ पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली के जंतर-मंतर से हटाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार पहुंचे. वहां पर गंगा किनारे बैठकर साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रोने लगी. बाद में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) अपने लाव-लश्कर के साथ वहां पहुंचे और उन्हें ढाढस बंधाकर मेडलों को गंगा में बहाने से रोक लिया. 


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टिकैत ने सरकार को दिया 5 दिनों का वक्त


नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने पहलवानों की मांग पूरी करने के लिए सरकार को 5 दिनों का वक्त दिया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर तय समय में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो उसके बाद बड़े आंदोलन का फैसला लिया जाएगा. दिनभर चले इस ड्रामे के दौरान पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा. देर शाम आंदोलनकारी पहलवान और उनके साथ गए दूसरे लोग हरिद्वार से वापस लौट आए.


UWW ने जारी की ये चेतावनी


इसी बीच दुनिया में पहलवानों की सबसे बड़ी संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) आंदोलनकारी पहलवानों के समर्थन में सामने आ गई है.  संस्था ने मंगलवार को बयान जारी कर भारतीय महिला पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार और रविवार को उन्हें हिरासत में लेने की आलोचना की. UWW ने बीजेपी सांसद और संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. 


45 दिनों में चुनाव न करवाए तो...


UWW ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को 45 दिनों के अंदर अपनी कार्यकारिणी का चुनाव करवा लेना होगा अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए WFI को सस्पेंड कर दिया जाएगा. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कहा कि वह इस सारे मुद्दे को लेकर जल्द ही बैठक करेगा और उसके बाद कोई उचित फैसला लिया जाएगा. 



सांसद बृजभूषण शरण पर है आरोप


बताते चलें कि पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat), उनकी बहन संगीता फोगाट, साक्षी मलिक ने आरोप लगाया था कि बृजभूषण शरण सिंह ने एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों का यौन शोषण किया. पहलवानों की याचिका का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस इस मामले में केस दर्ज कर एसआईटी गठित कर चुकी है, जो मामले की जांच कर रही है. 



बिना जांच के सीधे अरेस्ट करने की मांग


वहीं आंदोलनकारी पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को बिना जांच के सीधे ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाए. पहलवानों की इस अजीब मांग पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है. हालांकि सोशल मीडिया पर लोग पहलवानों की इस मांग की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और उनके आंदोलन को जीजा-साली संघर्ष समिति कहकर मखौल उड़ा रहे हैं. 


जंतर-मंतर से खदेड़ चुकी है पुलिस


दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक पहलवानों को जंतर-मंतर पर धरना (Wrestlers Protest) देने की अनुमति दी गई थी लेकिन उन्होंने नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर सेंसिटिव एरिया पर कूच करने की कोशिश की, जो उन्हें दी गई अनुमति का उल्लंघन था. लिहाजा उन्हें दी गई अनुमति वापस लेकर जंतर-मंतर से हटा दिया गया. इस दौरान पहलवानों ने पुलिस के साथ खूब जोर-आजमाइश की लेकिन भारी पुलिस बल के सामने उनकी एक नहीं चली और अंतत धरने का सामान जब्त कर उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया.