Jewar Film City: फिल्म सिटी में हुई देरी तो कंपनी को देना होगा रोजाना 10 लाख रुपये जुर्माना
Greater Noida Film City: ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनने जा रही फिल्म सिटी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक हैं. यमुना प्राधिकरण फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर काफी तेजी से कार्य कर रहा है.
Yamuna Film City: गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा के जेवर में बनाए जा रहे फिल्म सिटी पर तेजी से कार्य चल रहा है. यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. इसको लेकर यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) के कार्यालय में बैठक हुई. बैठक में कहा गया कि जो कंपनी फिल्म सिटी का निर्माण करेगी, उसका चयन 31 दिसंबर तक हो जाएगा. इस दौरान अधिकारियों ने यह भी कहा कि चयन के बाद अगर निर्माण कार्य में देरी हुई तो कंपनी पर रोजाना 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
बता दें कि जेवर में बनने जा रही फिल्म सिटी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक हैं. जेवर में ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है. ऐसे में यमुना प्राधिकरण फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर काफी तेजी से कार्य कर रहा है. यह फिल्म सिटी यमुना सिटी के सेक्टर-21 में बनायी जाएगी. इसके लिए एक हजार एकड़ जमीन प्रस्तावित की गई है. पहले चरण में 230 एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी को विकसित किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण का कार्य शुरू होगा.
फिलहाल अभी फिल्म सिटी निर्माण के लिए कंपनी के चयन की प्रक्रिया चल रही है और लगातार सुझाव और आपत्तियों पर बैठकों का दौर जारी है. अभी तक निर्माण के लिए उत्सुकता दिखाते हुए कई कंपनियां यमुना विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल हो चुकी हैं.
इसको लेकर प्राधिकरण के अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं. पूरी रिपोर्ट बनने के बाद प्राधिकरण की वेबसाइट पर जानकारी अपलोड कर दी जाएगी. इस जानकारी के आधार पर ये पता चल सकेगा कि फिल्म सिटी बनाने के लिए किन-किन नियमों का पालन करना पड़ेगा.
फिल्म सिटी बनाने वाली कंपनी को बिजली की लाइन, सीवर और अन्य सुविधा भी मुहैया करानी पड़ेगी. बताया जा रहा है कि 31 दिसंबर 2023 तक कंपनी का चयन हो जाएगा. वहीं, प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों ने साफतौर पर कह दिया है कि फिल्म सिटी बनाने में देरी करने पर जिम्मेदार कंपनी पर रोजाना 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं, फिल्म सिटी बनाने वाली कंपनी को हर तरह की सुविधा यूपी सरकार और यमुना विकास प्राधिकरण के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी.