Yasin Malik: NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को दिया दोषी करार, 25 मई को सजा पर होगा फैसला
Yasin Malik Sentence: आतंकवादी और अलगाववादी नेता यासिन मलिक की सजा की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती जा रही है. इस बीच शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को बुलाकर कूटनीतिक आपत्ति जताई है.
Yasin Malik convicted in terror funding case: पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवादी यासिन मलिक (Yasin MALIK) को आतंकी फंडिंग (Terror funding case) मामले में एनआईए (NIA) की अदालत में दोषी पाया गया है. कोर्ट ने यासिन मलिक को दोषी करार दिया है. यासिन मलिक की सजा पर अब 25 मई को फैसला होगा. कोर्ट ने तब तक NIA को यासिन मलिक की आर्थिक स्थिति पता करने को कहा है.
यासीन मलिक पर कई गंभीर आरोप
आपको बता दें कि यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के साथ कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप भी लगा है. यासीन मलिक को दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने आतंकवाद और 2017 में कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में दोषी करार दिया था. उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम का भी दोषी पाया गया है.
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मलिक को कितनी सजा?
एनआईए की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने के दौरान ये भी कहा था कि मलिक ने स्वतंत्रता आंदोलन के नाम पर जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दुनिया भर से फंडिग जुटाने के लिए तंत्र बनाया था. अब मलिक को इस मामले में कितनी सजा मिलेगी इसपर फैसला 25 मई को होगा.
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बताते चलें कि 16 मार्च के आदेश में, एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा था कि गवाहों के बयान और सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि आरोपी ने इस मामले में बाकी लोगों को एक सामान्य उद्देश्य से जोड़ा था. आरोपी मलिक ने पाकिस्तान से निर्देश लेते हुए अपनी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने के साथ आतंकवादी संगठनों के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का भी इस्तेमाल किया था.
मलिक के गुनाहों की लिस्ट
यासीन मलिक के गुनाहों की सूची बहुत लंबी है. बताते चलें कि दोषी ने कोर्ट में कहा था कि वो यूएपीए (UAPA) की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता.