Yogi Adityanath Press Conference: यूपी के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया. यूपी की पूरी कैबिनेट ने अयोध्या (Ayodhya) आकर अपनी अहम बैठक की. मंत्री परिषद ने अयोध्या में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. यूपी कैबिनेट ने अयोध्या की मीटिंग में 14 प्रस्ताव पास किए. इसमें अयोध्या को सोलर सिटी बनाने और यूपी में इनलैंड वाटरवेज का निर्माण करना भी शामिल है. कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने वाटरवेज के महत्व को बताया और कहा कि कैसे समुद्री तट वाले सस्ती एक्सपोर्ट लागत की वजह से जल्दी आगे बढ़ गए हैं. हमें भी इनलैंड वाटरवेज पर काम करना होगा. इस मौके पर सीएम योगी ने ये भी बताया कि 28 नवंबर से एक हफ्ते के लिए विंटर सेशन होगा.


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इनलैंड वाटरवेज से होगा यूपी का विकास


प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहला प्रस्ताव यूपी में अंतर्देशीय राजमार्ग के गठन का है. हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं. पहला इनलैंड वाटरवेज वाराणसी से हल्दिया तक शुरू किया गया. पर्यटन की सुविधा में बढ़ोतरी करने के साथ यूपी में महत्वपूर्ण 12 नदियां वाटर ट्रांसपोर्ट के लिए मायने रखती हैं. सभी नदियों में सुविधाएं हों, इसके लिए अथॉरिटी भारत सरकार के साथ मिलकर काम करेगी. एग्रीकल्चर के समान का एक्सपोर्ट करेंगे. 178 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर 30,500 करोड़ से ज्यादा खर्च हो रहे हैं. भक्तों की आने-जाने को ध्यान रखते हुए अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन का प्रस्ताव पास किया है.


सोलर सिटी बनेगी अयोध्या


सीएम योगी ने ये भी बताया कि अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की प्लानिंग है. इलेक्ट्रिक वेहिकल्स को बढ़ावा देना है. अयोध्या एक नए युग की ओर जा रही है. पूरी दुनिया आज अयोध्या की ओर आकर्षित हो रही है. पूरी कैबिनेट ने राम जन्मभूमि का दर्शन किया. मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. एक और प्रस्ताव में कहा गया कि अयोध्या धाम के विकास के लिए 178 योजनाएं चल रही हैं. श्रद्धालुओं की भारी संख्या को ध्यान रखते हुए अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है.


बनाया जाएगा इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि अयोध्या में जितने भी मेले लगेंगे, उनका प्रांतीयकरण करने का निर्णय लिया गया है. रामायण को लेकर इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर स्थापित करने का निर्णय करेंगे. अयोध्या में 25 एकड़ जमीन, मंदिर म्यूजियम के लिए होगी. अलग-अलग काल खंड में किस किस प्रकार के मंदिर बने, म्यूजियम में उसको दिखाया जाएगा.