HC में सुनवाई के दौरान वकील ने जज को कह दिया सर, माफी मांगने पर मिला दिल को छू लेने वाला जवाब
You may call me Sir Says Kerala High Court Judge: केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने महिला वकील को आश्वासन देते हुए कहा कि वो सामान्य सम्मान ‘माई लॉर्ड’ के बजाय उन्हें ‘सर’ के रूप में संबोधित कर सकती हैं. जबकि आप जानते हैं कि हाई कोर्ट (High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कोर्ट की कार्यवाही के दौरान ‘योर लॉर्डशिप’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
तिरुवनन्तपुरम: केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक महिला वकील ने जज को सर कहकर संबोधित कर दिया. इस संबोधन को सुनकर कोर्ट में मौजूद वकील और स्टाफ सभी हैरान रह गए. हालांकि इस वकील को फौरन अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने उसकी माफी मांग ली.
'दिल छू लेने वाला जवाब'
कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील की माफी के बाद माहौल सामान्य हो गया लेकिन महिला वकील की इस गलती पर जज साहब ने जो कहा वो सभी के दिल को छू गया. दरअसल बार एण्ड बेंच में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अनुसार केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने महिला वकील को आश्वासन देते हुए कहा कि वो सामान्य सम्मान ‘माई लॉर्ड’ के बजाय उन्हें ‘सर’ के रूप में संबोधित कर सकती हैं. जबकि आप जानते हैं कि हाई कोर्ट (High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कोर्ट की कार्यवाही के दौरान ‘योर लॉर्डशिप’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
इस तरह सामने आया वाकया
एक मामले की सुनवाई की शुरुआत में, न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने वकील से पूछा, याचिका पर उनका नाम बहुत छोटे अक्षर में क्यों लिखा है? न्यायाधीश ने कहा- 'याचिका में आपका नाम इतना छोटा क्यों है? कृपया अपने वरिष्ठ को उसके नाम के समान आकार देने के लिए कहें. आप उनसे छोटी नहीं हैं.'
तभी अपने जवाब में वकील ने सर का संबोधन किया. आपको बताते चलें कि इससे पहले जुलाई 2021 में, मद्रास उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने एक वकील को आश्वासन दिया था कि कोर्ट को ‘सर’ के रूप में संबोधित करने से वो सहज हैं.
इस साल की शुरुआत में, कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति ज्योति मुलिमणि ने सभी वकीलों से अनुरोध किया कि वे उन्हें बस 'मैडम' के रूप में संबोधित करें, इसके महीनों बाद न्यायमूर्ति कृष्णा भट ने अपनी अदालत के सामने पेश होने वाले वकीलों से ‘लॉर्डशिप’ जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचने का अनुरोध किया था.
वहीं जस्टिस भट ने सुझाव दिया था कि वकील ‘सर’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं, जो भारतीय परिस्थितियों में कोर्ट की गरिमा के एकदम अनुरूप है. इससे पहले भी कई हाई कोर्ट्स के जज इस तरह की सलाह, वकीलों को दे चुके हैं.