मुंबई : विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नायक ने कहा कि वह तब तक भारत नहीं लौंटेंगे जब तक उन्हें अपनी सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता. नायक भारत में विभिन्न मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहे हैं. नायक को मलेशिया से भारत निर्वासित किए जाने की खबरों के बीच उन्होंने अपने पीआरओ दफ्तर के जरिए बयान जारी किया है. 


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नायक ने बयान में कहा, ‘मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठी है. मेरी भारत आने की तब तक कोई योजना नहीं है जबतक मुझे अनुचित अभियोजन से सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता.’ उन्होंने कहा कि जब उन्हें लगेगा कि सरकार न्यायोचित एवं निष्पक्ष है तब वह अपने वतन लौटेंगे. नायक भारत में घृणित भाषण देने और धनशोधन समेत विभिन्न मामलों का सामना कर रहे हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहे हैं. 


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच बैर बढ़ाने के आरोप में 2016 में 51 वर्षीय नायक के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था. एनआईए और मुंबई पुलिस ने नायक के फाउंडेशन के कुछ पदाधिकारियों के आवासीय परिसरों समेत मुंबई में 10 स्थानों पर तलाशी ली थी. 



बता दें कि कुछ समय पहले खबर चली थी कि जाकिर नायक को मलेशिया से निकाल दिया गया है, वह जल्द ही भारत लौटेगा. लेकिन इस पर विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया कि जाकिर नाईक को निर्वासित के बारे में मलेशिया सरकार से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है. 


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जानकार बताते हैं कि विदेश मंत्रालय ने जनवरी में मलेशिया सरकार से जाकिर नायक को निर्वासित करने के लिए आधिकारिक अनुरोध किया था. 2016 में भारत छोड़ने के बाद से जाकिर नायक मलेशिया की प्रशासनिक राजधानी पुत्रजया में रह रहा है. मलेशिया सरकार ने जाकिर को ना केवल शरण दी, बल्कि उसे रहने के लिए एक स्थाई घर भी दिया है.