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नई दिल्ली: ज़ी एंटरटेनमेंट (ZEEL) और इनवेस्को के बीच विवाद में नया मोड़ आ गया है और कंपनी के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा (Dr. Subhash Chandra) फ्रंटफुट पर आ गए हैं. उन्होंने इनवेस्को पर ज़ी एंटरटेनमेंट (ZEEL) के टेकओवर के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि मैं इनवेस्को से मालिक की तरह नहीं, बल्कि एक शेयरधारक की तरह व्यवहार करने का आग्रह करता हूं.


ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी ग्रुप के बीच मर्जर


डॉ. सुभाष चंद्रा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ज़ी एंटरटेनमेंट (ZEEL) की सोनी ग्रुप की भारतीय इकाई के साथ विलय की तैयारी चल रही है. 1990 के दशक की शुरुआत में ज़ी टीवी की स्थापना करने वाले डॉ. चंद्रा के पास वर्तमान में Zee में कोई आधिकारिक पद नहीं है, लेकिन उनके बेटे पुनीत गोयनका सीईओ हैं और परिवार के पास कंपनी का 3.99 प्रतिशत हिस्सा है. पुनीत गोयनका मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी के भी सीईओ बने रहेंगे.


पुनीत गोयनका को हटाना चाहता है इनवेस्को


इनवेस्को (Invesco) ने कमेंट के अनुरोध का जवाब नहीं दिया. बता दें कि Invesco Developing Markets Fund और OFI Global China Fund LLC, जो एक साथ Zee के 17.88 प्रतिशत शेयरों के हिस्सेदार हैं. ये चाहते हैं कि कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत गोयनका को हटाया जाए और बोर्ड में बदलाव किया जाए.


शेयरधारकों की ईजीएम बुलाना चाहता है इनवेस्को


इनवेस्को ने भारत की कंपनियों की अदालत (Companies Court) में ज़ी पर शेयरधारकों की एक असाधारण आम बैठक (EGM) बुलाने के लिए दबाव डालने के लिए मामला दायर किया है. मांग को कंपनी के बोर्ड ने पूंजी बाजार नियामक और संघीय सरकार द्वारा अनुमोदन की कमी का हवाला देते हुए खारिज कर दिया है. ZEE और सोनी इंडिया के विलय की घोषणा के बाद इनवेस्को और ओएफआई ने कोर्ट में मामला दायर किया.


डॉ. सुभाष चंद्रा ने की भावुक अपील


डॉ. सुभाष चंद्रा बुधवार को ZEE की यात्रा पर बात करते हुए भावुक हो गए और भारतीय शेयरधारकों के साथ ही सरकार से मीडिया कंपनी को बचाने की भावनात्मक अपील की. उन्होंने कहा, 'इनवेस्को में कुछ बदल गया है. या तो यह एक चीनी कंपनी है जो किसी से नहीं डरती है या मुझे नहीं पता.'


इनवेस्को बताए अपनी डील: डॉ. चंद्रा


डॉ. चंद्रा ने कहा, 'मैं ज़ी बोर्ड से अपील करता हूं कि इनवेस्को को कहें कि हम एक ईजीएम बुलाने के लिए सहमत हैं, लेकिन आप हमें बताएं कि आपकी डील क्या है. हम शेयरधारकों के सामने इनवेस्को डील और सोनी डील रखेंगे और उन्हें फैसला करने देंगे.' रॉयटर्स ने पहले बताया था कि ज़ी ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने के लिए एक अपीलीय कंपनी ट्रिब्यूनल से संपर्क किया है, जिसने उसे 7 अक्टूबर तक इनवेस्को मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.