ZEE जानकारी: `हिंदू आतंकवाद` शब्द पर सवालों से बचती कांग्रेस
कांग्रेस इन सवालों पर कोई जवाब देने के बजाए, नये सवाल गढ़ रही है और प्रतीकों की राजनीति कर रही है.
राजनीति में सवाल तो बड़ी आसानी से खड़े किए जाते हैं लेकिन सवालों का जवाब कोई नहीं देना चाहता. यूपीए सरकार ने अपने राज में एक राजनीतिक शब्द गढ़ा था... हिंदू आतंकवाद . इस शब्द ने भारत में बहुत बड़े सवाल खड़े कर दिए थे . कल पंचकुला की Special NIA Court ने समझौता ब्लास्ट पर अपना फैसला सार्वजनिक किया . इस फैसले के बाद कांग्रेस का हिंदू आतंकवाद वाला राजनीतिक नाटक खारिज हो गया . इसलिए अब सवाल कांग्रेस पार्टी पर खड़े हो गए हैं . लेकिन कांग्रेस इन सवालों पर कोई जवाब देने के बजाए, नये सवाल गढ़ रही है और प्रतीकों की राजनीति कर रही है.
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज अयोध्या में मौजूद थीं. उन्होंने अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की . अयोध्या में सभाएं की और केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए . लेकिन हिंदू आतंकवाद वाले फर्ज़ी एजेंडे का जवाब कांग्रेस के किसी नेता के पास नहीं है .
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी ने मंदिरों के दौरे बढ़ा दिए. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने राहुल गांधी को 'जनेऊधारी ब्राह्मण' घोषित कर दिया . राहुल गांधी बड़े-बड़े हिंदू मंदिरों में गए . उन्होंने कैलाश यात्रा की और केदारनाथ के भी दर्शन किए . लेकिन हिंदू धर्म पर आतंकवाद का जो कलंक लगाने की कोशिश यूपीए के कार्यकाल में हुई थी. उस पर अभी तक राहुल गांधी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है . आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पार्टी से इस सवाल का जवाब मांगा .
उन्होंने कहा कि जब समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ तब अमेरिका की सरकार की तरफ से सूचनाएं दी जा रही थीं कि सही मायने में आतंकवादी कौन है ? लेकिन उस Line पर जांच करने के बजाय हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बनाई गई. वोट बैंक और राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने हिंदू आतंकवाद का नारा दिया .
उन्होंने अदालत के फैसले के कुछ Points को पढ़ा और ये कहा कि फर्ज़ी सबूतों के आधार पर हिंदू आतंकवाद की थ्योरी खड़ी की गई थी . अरुण जेटली ने आज इस मामले में कांग्रेस पार्टी से माफी की मांग की है .
((अंत में तो हर मुद्दे में अदालत को निर्णय करना होता है . शायद इसी का ही परिणआम है कि आज तक हिंदुओं को आतंकवादी मान रहे थे .अब धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा दिखलाने में लगे हैं क्योंकि लोग इस प्रकार के शब्द कि पूरे समाज को ही आतंकवादी बता देना लोग बर्दाश्त नहीं करते हैं . राजनीतिक लाभ लेने के लिए हिंदू समाज को कलंकित किया गया . मेरे समाज से माफी मांगने का अवसर है . क्यों नहीं मांग रहे हैं माफी .))
आपको एक बार फिर से याद दिला दें कि 12 वर्ष पहले 18 फरवरी 2007 को दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस की दो बोगियों में धमाका हुआ था . इस धमाके में 68 लोगों की मृत्यु हुई थी और 12 लोग घायल हुए थे . इसी मामले में UPA सरकार ने हिंदू आतंकवाद की थ्योरी दी थी .
कोर्ट ने जो फैसला सार्वजनिक किया है.. उसके Point Number 64 में लिखा है कि NIA..... स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान, राजेंद्र चौधरी और अन्य आरोपियों के खिलाफ लगाए गये आरोपों को साबित करने में बुरी तरह नाकाम रही है .
फैसले के Point Number 65 में स्पेशल जज जगदीप सिंह ने लिखा है कि 'मुझे गहरे दर्द और पीड़ा के साथ फैसले का समापन करना पड़ रहा है क्योंकि विश्वसनीय और स्वीकार्य सबूतों के अभाव की वजह से हिंसा के इस भयंकर मामले में किसी को गुनहगार नहीं ठहराया जा सका . अभियोजन के साक्ष्यों और सबूतों में निरंतरता का अभाव था और आतंकवाद का ये मामला अनसुलझा रह गया .'
इस मामले में ये बात नोटिस की गई कि जांच एजेंसियों में Muslim terrorism और Hindu fundamentalism या इस तरह के शब्दों को गढ़ने के लिए एक ख़ास तरह की बेचैनी थी . इस वजह से आतंकवाद के इस मामले को धर्म से जोड़कर Brand किया गया . कोर्ट ने फैसले में लिखा है कि किसी विशेष धर्म, जाति या समुदाय के अपराधी को.... उस धर्म, जाति या समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता.
ये तो अदालत का फैसला है . लेकिन हम इस मामले से जुड़ी एक बहुत महत्वपूर्ण बात कहना चाहते हैं . समझौता एक्सप्रेस मामले में जिस तरह बिना सबूत और बिना किसी आधार के कुछ लोगों को फंसाया गया. उससे हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत के खिलाफ Victim Card खेलने का मौका मिल गया .
पाकिस्तान को भारत के सांस्कृतिक संगठनों पर आतंकवाद के आरोप लगाने का मौका मिला . पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों ने दुनिया में ये कहना शुरू किया कि भारत में हिंदू संगठनों के अंदर आतंकवाद पनप रहा है . कांग्रेस पार्टी की हिंदू आतंकवाद वाली थ्योरी से सबसे बड़ा फायदा हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान को हुआ .
ये बातें आज हर किसी के मन में हैं . आज आंतकवाद के प्रति कांग्रेस पार्टी की नीतियों पर बहुत गंभीर सवाल खड़े हुए हैं . लेकिन इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है.