आज सबसे पहले आप सभी को '26 फरवरी' की ढेर सारी शुभकामनाएं. वैसे तो हमारा देश हर वर्ष '26 जनवरी' को गणतंत्र दिवस का जश्न मनाता है. लेकिन...पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के खिलाफ, आज़ाद भारत के इतिहास में '26 फरवरी 2019' को जिस प्रकार की कार्रवाई की गई है, उसने इस तारीख को एक नया नाम दे दिया है. ये महाविजय का मंगलवार है. भारत ने मंगलवार को आतंकवादियों पर सबसे बड़ा वार किया है. आप इसे पराक्रम वाला केसरी मंगलवार भी कह सकते हैं.


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14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद ने, पुलवामा में CRPF के जवानों पर किए गए आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. जिसमें CRPF के 40 जवानों को अपना सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा था. और उसी वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दे दी थी, कि इस बार आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों ने बहुत बड़ी ग़लती कर दी है. और इस ग़लती का खामियाज़ा उन्हें भारी क़ीमत देकर चुकाना पड़ेगा. और पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन के बाद...भारत ने अपने जवानों की शहादत का बदला ले लिया. मसूद अज़हर ने हमारे 40 जवानों को शहीद किया था. लेकिन, आज सुबह 3 बजकर 43 मिनट से लेकर 4 बजकर 4 मिनट के बीच...यानी लगभग 21 मिनट में भारतीय वायुसेना के हवाई हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के क़रीब 300 आतंकवादियों को मार दिया गया है. और इसके लिए भारतीय वायुसेना ने 12 Mirage 2000 विमानों का इस्तेमाल किया गया. जिसकी मदद से जैश के ठिकानों पर एक के बाद एक 6 Bombs गिराए गए. और ये Bombs भी साधारण नहीं थे. बल्कि ये Laser-Guided Bombs थे. 


ज़रा सोचिए - जिन 12 Pilots ने ये हमला किया होगा.. उनके दिमाग में क्या चल रहा होगा? वो जब सीमा पार करके, POK में 60 किलोमीटर अंदर घुसकर हवाई हमला करने गये होंगे तो उनके मन में ये ज़रूर आया होगा कि ये उनकी ज़िंदगी का आखिरी लम्हा भी हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद इन Pilots ने अपनी ज़िंदगी दांव पर लगाई और भारत की आत्मरक्षा का ये मिशन पूरा किया. इस पराक्रम ने पूरे देश की रगों में जोश भर दिया है. हमारे पास वाघा बॉर्डर से कुछ जोशीली तस्वीरें आई हैं. इन्हें देखकर आपको समझ में आ जाएगा कि आज देश का मूड क्या है?


ये हवाई हमला पाकिस्तान के किस इलाके में हुआ, कैसे हुआ...और इसे कितनी Foolproof Planning के साथ अंजाम दिया गया ? इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के किन आतंकवादियों को निशाना बनाया गया ? और कैसे इन आतंकवादियों के तार 20 साल पहले इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट IC-814 की Hijacking से जुड़े हुए थे ? आज हम इन सारे सवालों के जवाब आपको तस्वीरों और तथ्यों की मदद से देंगे. इसके साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे, कि भारत की जवाबी कार्रवाई के लिए इस बार भारतीय वायुसेना के Mirage 2000, Fighter Jets को ही क्यों चुना गया ? बदले की कार्रवाई के लिए 12 Fighter Jets का ही इस्तेमाल क्यों हुआ ? इससे कम या ज़यादा क्यों नहीं ? आपमें से ज़्यादातर लोगों ने आज सुबह से ही अलग-अलग News Channels पर भारत के बदले की कार्रवाई से जुड़ी ख़बरें देखी होंगी. लेकिन, लोगों के मन में अब भी कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब उन्हें नहीं मिले हैं. इसलिए हम सिलसिलेवार तरीके से आपको इस पूरी कार्रवाई के बारे में बताएंगे. ताकि आपके दिमाग में शक की कोई गुंजाईश ना रहे. लेकिन सबसे पहले आपको ये सुनना चाहिए, कि जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को तबाह करने के बाद देश के विदेश सचिव, विजय गोखले ने क्या कहा ?


आपने ध्यान दिया होगा, अपनी Press Statement में विदेश सचिव ने दो मुख्य शब्दों का इस्तेमाल किया. 


पहला शब्द था...Pre-Emptive Strike...जिसका मतलब ये हुआ, कि भारत को पहले से ही किसी हमले का अंदेशा है. अपने बयान में विदेश सचिव ने ये बात भी कही, कि जैश-ए-मोहम्मद के संभावित खतरे को रोकने के लिए.. आत्मरक्षा में ये हमला करना ज़रुरी था.


विदेश सचिव ने अपने बयान में एक और शब्द का ज़िक्र किया. और वो शब्द था....Non-Military Pre-Emptive Action..यानी गैर-सैन्य कार्रवाई...और ये हमला पूरी तरह से आतंकवादियों के ठिकानों पर किया गया था. पाकिस्तानी सेना के सैन्य ठिकाने और आबादी वाले इलाके, भारत के निशाने पर नहीं थे.


यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है, कि वर्ष 2016 में हुई Surgical Strike के बाद, तत्कालीन DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने देश को PoK में की गई कार्रवाई की जानकारी दी थी. जबकि, इस बार विदेश मंत्रालय के विदेश सचिव ने इस कार्रवाई के बारे में देश को जानकारी दी है. अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज़ से... ये एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया है. 


और इस बात का ध्यान रखा गया है, कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये संदेश जाए, कि भारत ने United Nations के चार्टर के तहत बनाए गए आर्टिकल 51 का पूरी तरह पालन किया है. आपको बता दें, कि UN Charter के Article 51 के मुताबिक, United Nations के सदस्य देशों के पास अपनी आत्मरक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई करने का अधिकार है. विदेश सचिव ने ये कहा, कि भारत को जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से और आत्मघाती हमलों की आशंका थी. साथ ही भारत ने ये भी स्पष्ट कर दिया, कि ये कार्रवाई Non-Military थी. जिसमें किसी सैन्य ठिकाने या आबादी पर हमला नहीं किया गया. वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त भी स्थिति बिल्कुल वैसी ही थी. क्योंकि उस वक्त भी भारत ने PoK में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया था. और तब तत्कालीन DGMO, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह मीडिया के सामने आए थे. और उस हमले की जानकारी सार्वजनिक की थी.


अब आपको ये बताते हैं कि इस हमले की पूरी Planning कैसे की गई ?


ये हमला कब, कैसे और कहां होगा...इसका फैसला पुलवामा में हुए आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद ही ले लिया गया था.


सूत्रों के मुताबिक, Air Chief Marshal, बी एस धनोहा ने हमले की पूरी योजना बनाई. और केंद्र सरकार ने उनकी योजना को 17 और 18 फरवरी के दौरान Clear कर दिया. यानी सरकार की तरफ से जवाबी कार्रवाई के लिए Go Ahead कह दिया गया. 


योजना के तहत, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना ने Heron Drone की मदद से कुछ दिनों तक Line Of Control पर निगरानी रखनी शुरु कर दी. 


इसके बाद वायुसेना और Intelligence Agencies ने हमले वाली जगह का चयन किया. जिसे 21 और 22 फरवरी के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने Clear कर दिया. 


इस हमले की ज़िम्मेदारी भारतीय वायुसेना के दो Mirage Squadrons को सौंपी गई. और ये तय हुआ, कि 12 Mirage 2000, Fighter Jets और भारतीय वायुसेना के बेहतरीन Pilots इस मिशन को पूरा करेंगे.


सुरक्षा के लिहाज़ से फाइटर जेट्स को Crystal Maze Missile से भी लैस किया गया था.


हमले से ठीक पहले वायुसेना के Pilots ने अपने निशानों को Confirm किया. और Command Centre से इजाज़त मिलने के बाद अपने मिशन पर निकल गए.


12 Mirage लड़ाकू विमानों ने सुबह 3 बजकर 43 मिनट और 4 बजकर 4 मिनट के दौरान 6 Bombs गिराकर, जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया. 


अब सवाल ये है, कि ये हमला कहां हुआ और इसकी Location क्या थी ? क्योंकि, हमारे ही देश के बहुत सारे लोगों ने हमले के बाद सवाल पूछना शुरु कर दिया..कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर नहीं...बल्कि Line Of Control से सटे इलाके पर हमले किए. अब सच्चाई देखिए.


वायुसेना ने हमले के लिए जिस स्थान को चुना था, वो Loc या पाकिस्तान के कब्ज़े वाला कश्मीर नहीं था. बल्कि ये इलाका, PoK में मुज़्फ्फराबाद से क़रीब 50 किलोमीटर दूर पाकिस्तान की बालाकोट नामक जगह है. और ये जगह पाकिस्तान के खैबर पख्तुन-ख्वा प्रांत में आती है. बालाकोट में जाबा नामक स्थान है. और इसी स्थान पर जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा Training Camp मौजूद था. ध्यान देने वाली बात ये भी है, कि सड़क मार्ग से बालाकोट से पाकिस्तान के एबटाबाद की दूरी भी सिर्फ 60 किलोमीटर है. ये वही एबटाबाद है, जहां ओसामा बिन लादेन को मारा गया था.


भारतीय वायुसेना ने इसी Camp पर एक के बाद एक 6 Bombs गिराए हैं. हालांकि, पाकिस्तान की सेना ये दावा भी कर रही है, कि भारतीय वायुसेना का हमला पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में किया गया. ना कि बालाकोट में. जबकि, खुद पाकिस्तान के पत्रकार कह रहे हैं, कि जैश के ठिकानों पर किया गया हमला, खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में हुआ. इसके अलावा वहां रहने वाले स्थानीय लोग भी ये बात स्वीकार कर रहे हैं. दिलचस्प बात ये है, कि जब बालाकोट की स्थानीय पुलिस ने जाबा के पहाड़ी इलाकों पर जाने की कोशिश की, तो पाकिस्तान की सेना ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया. और इसकी वजह ये है, कि पाकिस्तान की सेना आज दिनभर जैश-ए-मोहम्मद के Camp के सफाई अभियान में जुटी हुई थी. वो वहां से सारे सबूत हटा रही थी. मारे गए आतंकवादियों की लाशों को ठिकाने लगा रही थी. और ये सब इसलिए किया जा रहा था...ताकि भारत के दावों को झूठा बताया जा सके. लेकिन खुद बालाकोट के लोग पाकिस्तान की सेना के झूठ की पोल खोल रहे हैं. आगे बढ़ने से पहले आपको इनकी बातें सुननी चाहिए.