Zee Media Digital India Samvad: डिजिटल होती दुनिया के साथ अत्याधुनिक तकनीकों का दायरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए इन तकनीकों में पारंगत होने के लिए भारत भी अग्रसर है. वैश्विक स्तर पर डिजिटल तकनीकों को तेजी से अपनाया जा रहा है. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कोई भी एडवांस होती तकनीक के क्षेत्र में पीछे नहीं छूटना चाहता. बदलते समय के साथ कस्टमर भी पुराने तरीकों से बाहर निकलकर आधुनिक तकनीक की तरफ शिफ्ट हो रहा है. भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए उभरती तकनीकों पर डिजिटल तत्परता सुनिश्चित करने के क्रम में ज़ी मीडिया 'डिजिटल इंडिया संवाद 2023' लेकर आया है. इस पहला संस्करण नई दिल्ली में गुरुवार, 13 जुलाई 2023 को आयोजित किया जाएगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारत सरकार ने अपने 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के तहत 2025-26 तक एक ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में कुशल कार्यबल और सख्त कानूनी प्रावधानों की जरूरत पड़ेगी. यह तभी संभव हो सकता है, जब वेब 3.0, AI, 5G, मेटावर्स और साइबर सुरक्षा का पूरी क्षमता के साथ इस्तेमाल किया जाए. भारत सबसे मजबूत डिजिटल पारिस्थितिकी का निर्माण कर अपने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है.


तकनीक के क्षेत्र में मौजूदा जरूरतों पर प्रकाश डालने के लिए ज़ी मीडिया द्वारा आगामी 'डिजिटल इंडिया संवाद' में नीति निर्माताओं, सी-स्तरीय कार्यकारी, निदेशकों, मंत्रियों और तकनीकी क्षेत्र के मुख्य अधिकारियों को एकत्रित किया जाएगा. ताकि साइबरस्पेस की सुरक्षा के लिए एडवांस और बुद्धिमत्तापूर्ण समाधान के विकास पर गहन चर्चा की जा सके.


ज़ी मीडिया 'डिजिटल इंडिया डायलॉग' में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के तौर पर श्री राजीव चन्द्रशेखर उपस्थित रहेंगे (केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री). साथ ही इस कार्यक्र में प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र के प्रसिद्ध नीति निर्माता और उद्योग के दिग्गज मौजूद होंगे. ज़ी मीडिया 'डिजिटल इंडिया डायलॉग' के मंच से 'ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' जैसे विषयों पर पैनल चर्चा करेंगे. इसके साथ ही अगले पांच वर्षों में मानव जीवन की गति कैसे तेज होगी', '5जी-संचालित डिजिटल परिवर्तन', 'उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम' और 'मीडिया मेटामोर्फोसिस- डिजिटल युग में बदलते उपभोक्तावाद की खोज' जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा होगी.


तकनीकी विकास और साइबरस्पेस पर इस तरह के संवाद की जरूरत का महत्व बताते हुए ZMCL (ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer, ZMCL) श्री अभय ओझा ने कहा, "बड़े आकार के डेटा, साइबर सुरक्षा, वर्चुअल डिजिटल सहायक (virtual digital assistant), वॉइस सर्च या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) जैसी तकनीकों का असर भविष्य में इंसानी इंटेलिजेंस को नई दिशा में ले जाएगा. डिजिटल अर्थव्यवस्था भारत को अग्रणी बनाएगी क्योंकि इससे 2025 तक 60-65 मिलियन नौकरी के अवसर पैदा करने की आशा है और डिजिटल घटक की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) का 20% होने की उम्मीद है. ज़ी मीडिया 'डिजिटल इंडिया संवाद' एक मंच के निर्माण की ओर एक कदम है जो नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों को भारत को एक प्रौद्योगिकी और नवाचार निर्माण केंद्र बनने की क्षमता पर चर्चा करने और साथ में आने वाले समाधानों पर पुनर्विचार करने की अनुमति देता है."


ZMCL की मुख्य राजस्व अधिकारी (Chief Revenue Officer, ZMCL) मोना जैन ने इसे और आगे बढ़ाते हुए कहा, "डिजिटल इंडिया संवाद का प्रारंभिक संस्करण तकनीकी परिवर्तनों को पूरा करने में एक रणनीतिक निवेश की ओर एक कदम है. यह तकनीकी उद्योग और सरकारी अधिकारियों के लिए एक प्रेरक की तरह काम करेगा ताकि घरेलू उपयोग के मामलों के साथ क्षेत्र-विशेष क्षेत्रों को प्रस्तुत कर सकें जिसमें AI और अन्य उभरती हुई तकनीकों के प्रयोग की संभावना को हाइलाइट किया जाए."


'डिजिटल इंडिया संवाद' के स्टेट पार्टनर पंजाब सरकार है और को-प्रेजेंटर पेटीएम, पॉलिसी बाजार, वॉचो, टीआईई दिल्ली एनसीआर (Ecosystem Partner), सिर्का (Special Partner) और सिम्को स्विफ्ट और अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड (Associate Sponsors) हैं.


बता दें कि ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड भारत की प्रमुख मीडिया कंपनियों में से एक है. यह क्षेत्रीय शैलियों में मजबूत प्रतिष्ठा रखता है, जिसमें सात अलग-अलग भाषाओं में 16 समाचार चैनल शामिल हैं. ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड अपने लीनियर और डिजिटल संपत्तियों के माध्यम से 528+ मिलियन से अधिक दर्शकों तक पहुंच रखता है.