Zee News DNA on Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राम भक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है. आज यानी बुधवार को राममंदिर को लेकर बड़ी ख़बर आई. बताया गया कि मंदिर के Ground Floor का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. ये जानकारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने साझा की. 


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उन्होंने बताया कि मंदिर के Ground Floor पर ही सिंह द्वार से मंदिर परिसर में Entry होगी, जो अब पूरी तरह बनकर तैयार है. सिंह द्वार से Entry के बाद मंदिर के गर्भगृह तक कुल 5 मंडप तैयार हो चुके हैं. इन मंडपों में नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ मंडप, कीर्तन मंडप और भजन मंडप शामिल हैं.


23 जनवरी से कर सकेंगे दर्शन


इन मंडपों से होते हुए राम भक्त गर्भगृह तक पहुंच सकेंगे और रामलला के दर्शन कर पायेंगे. हालांकि, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन यानी 23 जनवरी के बाद ही श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे.


अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण इस तरह किया गया है कि ऐसा मंदिर उत्तर भारत में पिछले 400 वर्षों में भी नहीं बना है. मंदिर के गर्भगृह में शुद्ध मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जबकि Ground Floor के फर्श में सफेद मकराना मार्बल लगाया गया है. एक अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में 22 लाख क्यूबिक फीट पत्थर का इस्तेमाल होगा. मंदिर का निर्माण ऐसी तकनीक से किया जा रहा है कि अगले 1000 वर्षों तक भी कोई दिक्कत नहीं होगी.


केवल 30 फीसदी हिस्से में निर्माण


वैसे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पास कुल 70 एकड़ भूमि है, लेकिन दिव्य-भव्य राम मंदिर का निर्माण इस भूमि के 30 फीसदी हिस्से में किया गया है. यानी 20 एकड़ भूमि पर मंदिर उत्तरी हिस्से में बन रहा है. जबकि बाकी 50 एकड़ भूमि को हरित रखा गया है. दरअसल, 70 फीसदी हिस्से में पेड़ पौधे लगाए गए हैं. साथ ही मंदिर परिसर के इस हिस्से में बरसों पुराने पेड़ आज भी मौजूद हैं.


भगवान राम का दिव्य मंदिर तीन मंजिला होगा, मंदिर के निर्माण कार्य में इस समय 100 से ज्यादा प्रकार की मशीनें काम में लगी हुई हैं. मंदिर के चारों तरफ परकोटा यानी एक तरह की सुरक्षा दीवार बनाने का काम भी शुरू हो गया है. दरअसल, मंदिर में परकोटा का प्रचलन दक्षिण भारत में है. 


बनाया जा रहा है परकोटा


राम मंदिर में परकोटा दो मंजिल का बनाया जा रहा है. परकोटा में नीचे कमरे बनाए जायेंगे, जिनका इस्तेमाल ट्रस्ट करेगा. परकोटा की लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 4 मीटर होगी. ऊपरी मार्ग से श्रद्धालु मंदिर की परिक्रमा कर सकेंगे. परकोटा के चारों कोनो में 6 मंदिरों का निर्माण भी होगा. 


22 जनवरी के बाद हज़ारों श्रद्धालुओं के रोजाना अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है, जिसे लेकर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ख्याल रखा गया है, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो. 


बनेंगे 6 गुरुओं के मंदिर


मंदिर परिसर के चारों तरफ परकोटा बनाया जा रहा है, उसके चारों कोनो में 6 मंदिरों का निर्माण भी किया जायेगा, हालांकि इसमें अभी वक्त लगेगा. जानकारी के मुताबिक परकोटा के एक कोने में सूर्य भगवान का मंदिर होगा. दूसरे कोने में भगवान शंकर के मंदिर का निर्माण होगा. तीसरे कोने में भगवती जबकि चौथे कोने में गणेश जी का मंदिर बनेगा. पांचवें कोने में विष्णु भगवान का मंदिर, छठे कोने में अन्नापूर्णा देवी का मंदिर बनेगा.


इस निर्माण कार्य में करीब 6 से 8 महीने का वक्त लग सकता है. हालांकि, रामलला के दर्शन के लिए राम भक्त 23 जनवरी के बाद मंदिर आ सकेंगे क्योंकि प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे. इसके लिए उनकी सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है. इसके लिए मंदिर में 25 हज़ार तीर्थ यात्रियों का सामान रखने के लिए लॉकर होंगे.



इतने बजे होगी प्राण प्रतिष्ठा की पूजा


मिनी अस्पताल और टॉयलेट कॉम्पलेक्स बनाए गए हैं. पूर्वी दिशा में मंदिर के प्रवेश द्वार पर 2 रैंप बनाए गए हैं. परकोटा में बुजुर्गों-दिव्यागों के लिए लिफ्ट लगाई जाएंगी. इस बात का ख्याल रखा गया है कि अयोध्या आने वाले तीर्थ यात्रियों को राम मंदिर में किसी तरह की दिक्कत ना हो. 


रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि 16 से 22 जनवरी तक चलेगी. प्राण प्रतिष्ठा की अंतिम पूजा 22 जनवरी 12 बजकर 20 मिनट पर होगी. देश के 4 हज़ार साधू संत 125 पूजा परंपराएं पूरी कराएंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद 48 दिन तक मंडल पूजा होगी. इस पूजन विधि को उडुपी के महंत पूरा कराएंगे. 


भगवान राम गर्भगृह में बालरूप में विराजमान होंगे, इसके लिए मूर्ति तीन कलाकार बना रहे हैं. जबकि गर्भगृह का दरवाजा सोने की परत वाला होगा. ग्राउंड फ्लोर का कार्य भले ही पूरा हो गया है, लेकिन मंदिर के बचे हुए निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं और अब वो भी राममयी हो चुके हैं.


रेलवे स्टेशन का भी हुआ कायापलट


राम मंदिर का निर्माण 20 एकड़ में किया गया है, लेकिन इस परिसर में अभी 7 और मंदिरों का निर्माण किया जायेगा. हालांकि ये निर्माण कार्य वर्ष 2024 के आखिर तक ही पूरा होगा. इसमें दौरान मंदिर परिसर में जिन मंदिरों का निर्माण होगा, उनमें महर्षि वाल्मीकि मंदिर
महर्षि वशिष्ठ मंदिर, महर्षि विश्वामित्र मंदिर, महर्षि अगस्त्य मंदिर, निषादराज मंदिर, शबरी मंदिर, अहिल्या मंदिर और जटायु मंदिर शामिल हैं.


अयोध्या में दिव्य-भव्य और अद्भुत राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है, इसी के साथ पूरे अयोध्या को भी सजाया जा रहा है. जहां शहर की दीवारों पर भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी का चित्रण किया जा रहा है. इस कार्य में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट के स्टूडेंट लगे हुए हैं.


तैयार हो रहे रामलला के वस्त्र


रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या रेलवे स्टेशन का भी कायकल्प किया गया है, साथ ही अब अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया गया है, अब अयोध्या धाम के नाम से जाना जायेगा. इस स्टेशन का उद्धघाटन प्रधानमंत्री मोदी 30 दिसंबर को करेंगे. दरअसल, दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या निरीक्षण के लिए गए थे, तब उन्होंने स्टेशन का नाम अयोध्या धाम रखने की इच्छा जताई थी.


सज रही है अयोध्या नगरी


22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. इसके लिए अयोध्या नगरी सज-धज कर तैयार है. रामलला के स्वागत के लिए भी खास तैयारियां की गई हैं. इस ऐतिहासिक दिन रामलला कौन सा वस्त्र धारण करेंगे और उनके लिए वस्त्र कौन तैयार कर रहा है..आपको ये भी जरूर जानना चाहिएय


चारों भाइयों के साथ विराजमान रामलला, और हनुमान जी के वस्त्र तैयार करने की जिम्मेदारी शंकर लाल को मिली है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला किस रंग के वस्त्र पहनेंगे अभी ये तो तय नही हैं. लेकिन हर दिन के हिसाब से अलग अलग रंगों के वस्त्र बनाए जा रहे हैं. अयोध्या में ये परिवार रामलला के वस्त्र कई पीढियों से सिल रहा है. वर्तमान में इस परिवार की तीसरी पीढ़ी अपने आराध्य के वस्त्र तैयार कर रही है. 


अयोध्या में जब रामलला मंदिर में विराजमान होंगे, तब 4000 से ज्यादा साधू-संत अयोध्या में होंगे. जिन्हें रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर निमंत्रण दिया गया है. इस अवसर पर जगतगुरु रामभद्राचार्य भी मौजूद रहेंगे. लेकिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले महायज्ञ भी किया जायेगा.


अयोध्या में 14 जनवरी से 1008 कुंडीय महायज्ञ


राम मंदिर परिसर में 14 जनवरी से 22 जनवरी के बीच प्रतिदिन 1008 कुंडीय महायज्ञ होगा, जिसमें सवा करोड़ से ज्यादा आहुतियां दी जायेगीं. जो अपने आप में एक Record होगा. इसी के साथ जगतगुरु रामभद्राचार्य कथा भी करेंगे. इस विशेष आयोजन के लिए देश के 75 जगह से जल आएगा.


पूरे देश को उस समय का इंतजार है, जब मंदिर में रामलला विराजमान होंगे और राम भक्तों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं. और अब 22 जनवरी को राम भक्तों का इंतजार खत्म हो जायेगा.