Zee News DNA on UP name plate Order: बीते कुछ वक्त से कई ऐसे वीडियोज सामने आ रहे हैं, जहां खाने में थूकके या यूरिन मिलाने जैसी घिनौनी चीजें की जा रही हैं. इन घटनाओ को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के दुकानों, रेस्त्रां और होटलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी में कहा गया कि अब खाने की सारी दुकानों में हाइजीन का ख्याल रखा जाएगा. इसके अलावा वहां काम करने वाले लोग मास्क और ग्लव्स पहनेंगे. इसके अलावा दुकान के प्रॉपराइट यानी मालिक की नेमप्लेट लगा रखी हो.


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ज़ी मीडिया ने यूपी के शहरों में किया रिएलिटी चेक


ये फैसले ग्राहकों की सहूलियत को मद्देनजर रखते हुए लिया गया.. लेकिन सरकार के इस फैसले का कितना पालन हो रहा है. क्या इस एडवाइजरी को फॉलो किया जा रहा है.. जी मीडिया रिपोर्टर्स ने शहर शहर जाकर इसका रिएलिटी चेक किया.


यूपी में जगह-जगह घृणा से भर देने वाली करतूतों पर योगी सरकार ने फरमान जारी किया था. खाने पीने की चीज़ों को अशुद्ध करने वाले किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे. सीएम के आदेश के बाद यूपी में खलबली मची हुई है. ZEE मीडिया की टीम ने यूपी के अलग-अलग शहरों में रियालिटी चेक किया तो पुलिस एक्टिव नज़र आई.


संगम ढाबा बन गया सलीम ढाबा


शुरुआत करते हैं मुज़फ्फरनगर से. जहां पहले संगम ढाबा हुआ करता था, अब वो सलीम हो गया है. हमारी टीम पहुंची तो पाया कि सलीम ढाबा सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सभी मानकों पर खरा उतरा. होटल पर सीसीटीवी से लेकर साफ सफाई माक्स और कैप लगाये कारीगर मिले.


इसके बाद हमारी टीम गाजियाबाद के एक रेस्त्रां में पहुंची तो वहां पर कर्मचारी खाना बनाने की तैयारी करते हुए दिखाई दिए. यहां कर्मचारियों ने हेड लगा रखा था. हालांकि कुछ नियमों का पालन नहीं दिखा.


रायबरेली में नियम का पालन करते दिखे लोग


बात करते हैं सूबे की राजधानी लखनऊ की. लखनऊ के अजमेरी गेट में हमारी टीम पहुंची. वहीं रायबरेली में होटल ढाबा और रेस्टोरेंट पर उसके मालिक और मैनेजर का नाम लिखाये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.


बरेली में हमारे संवाददाता अजय कश्यप ने रेलवे स्टेशन के बाहर बने होटल का जायजा लिया. यहां कुछ आदेशों का पालन दिखा तो कई बातों को होटल मालिक नजरअंदाज भी करते दिखे. मगर प्रयागराज में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के योगी सरकार के आदेश का पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है.


आदेश का पालन करवाने के लिए अधिकारी सख्त


बहरहाल पुलिस और प्रशासन सख्त है. अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं. स्ट्रीट वेंडर कोई भी गड़बड़ी न कर पाएं, इसके लिए एक खास टोल नंबर भी है ताकि गंदगी रखने या गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सीधे शिकायत की जा सके.