Zee News DNA on Gurmeet Ram Rahim Parole: हमारे देश में बाबा तरह-तरह की चमत्कारी शक्तियों से लैस होते हैं. ऐसी ही चमत्कारी शक्ति है- सिस्टम और सरकार को अपनी उंगलियों पर नचाना. बाबाओं की इस चमत्कारी शक्ति की मारक क्षमता चुनाव के दिनों में सबसे ज्यादा होती है. इसी चमत्कारी शक्ति का प्रयोग करके बलात्कारी और हत्यारा गुरमीत राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आया है.


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फरवरी में भी मिली थी परोल


अभी फरवरी में ही 50 दिन की परोल का आनंद उठाकर राम रहीम जेल लौटा था. अब छह महीने बाद राम रहीम एक बार फिर 21 दिन की छुट्टियों पर जेल से बाहर आ गया है. इस बार राम रहीम फरलो पर बाहर आया है. ये वैसे ही जैसे गर्मी या सर्दियों की छुट्टियों में लोग घूमने जाते हैं. वैसे ही गुरमीत राम रहीम छुट्टियों में जेल से बाहर घूमने आता है. इस बार भी बलात्कारी राम रहीम 21 दिन की छुट्टियां बिताने रोहतक की सुनारिया जेल से निकलकर उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने अपने आश्रम पहुंच गया है और अपने भक्तों के नाम संदेश भी जारी कर दिया है. 


वैसे अगर हरियाणा सरकार की कृपा किसी पर बरस रही है तो वो गुरमीत राम रहीम ही है. मानो गुरमीत राम रहीम न होकर अलादीन हो और हरियाणा सरकार अलादीन का चिराग. राम रहीम जब भी जेल से बाहर आने की इच्छा का इजहार करता है, हरियाणा सरकार उसकी ये इच्छा तुरंत पूरी कर देती है.


हरियाणा सरकार राम रहीम पर मेहरबान


अक्टूबर 2020 से लेकर अब अगस्त 2024 तक. बलात्कारी और हत्यारे राम रहीम को चार वर्षों में दस बार जेल से छुट्टियां मिल चुकी हैं. जिनमें आठ बार वो पेरोल पर बाहर आया है. अब ये दूसरी बार है जब राम रहीम को फरलो का फायदा प्राप्त हुआ है .जेल जाने के बाद पिछले चार सालों में राम रहीम कुल 254 दिन से ज्यादा की पैरोल और फरलो मंजूर की जा चुकी है. यानी गुरमीत राम रहीम को 8 महीने से ज्यादा समय के लिए जेल से जाने की छूट दी जा चुकी है. इतनी जल्दी-जल्दी और इतनी ज्यादा पैरोल या फरलो मिलने का ये शायद देश का पहला और इकलौता मामला है. 


इसलिए ये बात सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर एक बलात्कारी बाबा पर हरियाणा सरकार इतनी मेहरबान क्यों है? आखिर एक सजायाफ्ता कैदी से हरियाणा सरकार को इतनी मोहब्बत कैसे है कि उसे परोल या फरलो देने के लिए हमेशा तैयार रहती है? ऐसी क्या मजबूरी है कि हरियाणा सरकार बाकी कैदियों की परोल और फरलो भूलाकर एक बलात्कारी और हत्यारे राम रहीम पर ही कृपा बरसाती है. वो भी बार-बार लगातार. 


'केवल अमीर और पावरफुल कैदियों को मिलती है परोल'


जानकारी के अनुसार जेल में बंद कैदी को साल में 90 छुट्टियां मिलती हैं. इन छुट्टियों में 21 फरलो और 70 दिन की पैरोल होती है. वर्ष 2021 में हरियाणा के जेलमंत्री ने खुद बताया था कि हरियाणा की जेलों में करीब 25 हजार कैदी हैं. इनमें से सिर्फ 2915 कैदियों की पैरोल एप्लीकेशन पर हरियाणा सरकार ने अपनी मोहर लगाई थी. लेकिन रेप और हत्या का दोषी उम्रकैद काट रहा गुरमीत रामरहीम पैरोल और फरलो की सुविधा का पूरा फायदा उठा है. हमारे देश में कैदियों के अधिकार अलग होते हैं. वीवीआईपी कैदियों के अधिकार अलग होते हैं.


वर्ष 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि ये साफ है कि सिर्फ अमीर और पावरफुल कैदियों को ही पैरोल मिल पाती है. ऐसे लोगों की मदद करने के लिए पुलिस अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर उनका फेवर करती है और जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उन्हें बेल नहीं मिलती. दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी हमारे देश के जेल सिस्टम की सच्चाई है, जिसमें आम कैदियों को पैरोल मिलना मुश्किल होता है और खास कैदियों को पैरोल दिलवाने में सरकार और सिस्टम हमेशा तत्पर रहती है.


हरियाणा चुनाव से पहले ही क्यों मिली परोल?


इसलिए राम रहीम का चुनाव से पहले जेल से बाहर आना नई बात नहीं है. इससे पहले भी उसे अलग-अलग चुनाव से पहले पैरोल-फरलो मिल चुकी है. वह हरियाणा के पंचायत चुनावों के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में बाहर आ चुका है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता था. लेकिन हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरियाणा सरकार..राम रहीम को पैरोल नहीं दे सकी थी.


लेकिन अब हरियाणा में चुनाव से पहले राम रहीम को हरियाणा सरकार ने फरलो का लाभ दिया है. अब आप सोच रहे होंगे कि हरियाणा चुनाव में तो टाइम है तो अभी से गुरमीत राम रहीम को फरलो पर छुट्टी क्यों मिली तो इसकी भी एक खास वजह है.


तो ये है फरलो मिलने की असली वजह?


गुरमीत राम रहीम अपने भक्तों को बताता है कि अगस्त के महीने में ही धरती पर अवतार लिया था. गुरमीत राम रहीम के भक्त 15 अगस्त को उसका अवतरण दिवस मनाते हैं. यानी फरलो पर जेल से निकला गुरमीत राम रहीम अब अपने आश्रम में जन्मदिन मनाएगा.


इसके अलावा तो गुरमीत राम रहीम को फरलो देने की कोई वजह ना तो समझ में आती है और ना ही जेल प्रशासन ने बताई है. तो सोचिये. एक तरफ बलात्कारी और हत्यारा गुरमीत राम रहीम है..जो अपना जन्मदिन मनाने के लिए जेल से छुट्टी ले लेता है और दूसरी तरफ वो लाखों कैदी हैं. जो सालों से जेल में बंद हैं. जिन्हें सजा भी नहीं हुई है..और पैरोल भी नहीं मिल रही है.