Zee News exclusive interview with Dhirendra Krishna Shastri: एक्टर शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान के खिलाफ बॉयकाट की मुहिम लगातार जारी है. मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने भी अपने अनुयायियों से इस फिल्म को न देखने की अपील की है. उनके ऐसा करने के पीछे की क्या वजह थी, यह बात उन्होंने अब स्पष्ट कर दी है. ज़ी न्यूज के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया के साथ खास इंटरव्यू में उन्हें पठान फिल्म (Pathan Movie), अपनी संपत्ति और चुनाव लड़ने की संभावनाओं के बारे में भी खुलकर बात की. पेश हैं सवाल-जवाब: 


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सवाल: आप एक वीडियो में दावा करते हैं कि आपने रावण को फोन मिलाकर बात की. आप ऐसा कैसे कर लेते हैं. मुझे भी नंबर दे दीजिए. हम भी उनसे बुंदेलखंडी में उनके मोड़ा-मोड़ी के बारे में पूछेंगे. 
जवाब: श्रीमान जी, यह विनोद का विषय है. भक्तों को कथा से जोड़ने के लिए इस तरह के विनोद अक्सर होते रहते हैं. रावण से बात करने की ये बात उचित नहीं है. ये मैं मानता हूं लेकिन ये विनोद की बात है. इसमें सॉरी बोलने वाली कोई बात नहीं होनी चाहिए.


सवाल: आप कहते हैं कि हवा का रूख जिस तरफ होता है, मैं उसकी तरफ बोलता हूं तो इस वक्त हवा का रुख इस वक्त किसकी तरफ है.
जवाब: इस वक्त सनातन की तरफ हवा का रुख है. जबसे में हमने धर्मवापसी करवाना शुरू किया, तब से धर्म विरोधी पीछे लग गए हैं. लेकिन हम डरने वाले नहीं. हम सनातनधर्मियों को एकजुट करते रहेंगे. अगर ये गलत है तो हम करते रहेंगे.


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सवाल: लोग कहते हैं कि आप कथा करने के लिए मोटी मोटी फीस लेते हैं. आपने बहुत सारी संपत्ति जोड़ ली है.
जवाब: हम किसी से दक्षिणा लेते नहीं हैं. किसी से मांगते नहीं है. हां, पिछले 3 साल से चल रहे भंडारे को चलाते हैं. अन्नपूर्णा चला रहे हैं. बहुत जल्दी बुंदेलखंड में बहुत बड़ा कैंसर अस्पताल हम बनाने जा रहे हैं. लोग अपना काम सिद्ध हो जाने पर खुद ही श्रद्धा से हमें दे जाते हैं, जिसे हम इन पुण्य कार्यों में लगा देते हैं. 


सवाल: एक वीडियो में आप कहते सुनते हैं, जिसमें आप एक रामकथा में आपके चरण छूने आए एक व्यक्ति से कहते हैं कि बस-बस मुझे छूना मत, ऐ अछूत आदमी. क्या सच्चाई है इसमें.
जवाब: वह वीडियो अब भी सोशल मीडिया पर है. उसमें हमने कहा था कि हमें छूना मत, हम अछूत आदमी हैं. अगर हम अपने आपको कहते हैं तो यह स्वभाव है हमारा. हम सनातन धर्म की एकता की बात करते हैं. हम जातिवाद की बात कैसे कर सकते हैं. 


सवाल: आप सनातन धर्म की बात करते हैं लेकिन पठान फिल्म से आपका क्या विरोध हो गया, जो आपने उसके खिलाफ बॉयकाट के लिए बोल दिया.
जवाब: देखिए, फिल्मों में सनातन धर्म को ही टारगेट क्यों किया जाता है. मिशनरियों और जिहादी इस काम में लंबे वक्त से लगे हैं. फिल्म में भगवा रंग को ही बेशर्म रंग क्यों कहा गया. कोई और रंग भी तो बेशर्म रंग हो सकता था. एक बार दूसरे धर्मों पर ऐसी टिप्पणी करके दिखाइए, नानी याद आ जाएगी.


चमत्कारों के नाम मिशनरी और मौलवी क्या-क्या उपद्रव कर कर रहे हैं, कौन नहीं जानता है. वे हिंदुओं को गुमराह कर रहे हैं. उन पर न तो कोई डिबेट होती है और न ही कोई उन्हें अंधश्रद्धा बताता. केवल हमारे खिलाफ ही ये सब बातें क्यों होती है.


सवाल: लोग कहते हैं कि आप को दक्षिणपंथी सरकारों का समर्थन हासिल है, इसलिए आप किसी के भी बारे में कुछ भी बोल देते हैं. 
जवाब: हम कोई राजनीतिक आदमी नहीं है. हम केवल सनातन धर्म के बारे में बोलते हैं. अगर ये गलत है तो हमें बने रहने दीजिएगा.


सवाल: धर्म से कई लोग राजनीति में आए हैं. आपका इस बारे में क्या प्लान है. 
जवाब: धर्म से राजनीति चलती है और राजनीति से धर्म नहीं चलती है. बागेश्वर धाम की गद्दी बहुत बड़ी सेवा है और राजनीति एक व्यवस्था है. हमारी राजनीति में कोई रूचि नहीं है. 


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