Karnataka Election 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोट डाले जाएंगे और 13 मई को नतीजे आएंगे. उससे पहले ZEE NEWS के लिए MATRIZE ने ओपिनियन पोल किया है. ये ओपिनियन पोल 29 मार्च से 5 मई के दौरान किया गया. इसके लिए कर्नाटक विधानसभा की सभी 224 सीटों पर 3 लाख 36 हज़ार लोगों की राय ली गई है. आपको बता दें कि ये चुनाव के नतीजे नहीं हैं सिर्फ ओपिनियन पोल है और इसको किसी भी प्रकार से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश ना समझा जाए.


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चुनावी हवा और जनता के मिजाज से जुड़ा ऐसा कोई पहलू नहीं है, जो ZEE NEWS के ओपिनियन पोल से छूटा हो. PM मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का चुनाव प्रचार क्या बीजेपी की सत्ता में वापसी करा पाएगा? क्या सोनिया, राहुल और प्रियंका की तिकड़ी कांग्रेस को कुर्सी दिलवा पाएगी? बजरंग दल पर बैन, गोहत्या और धर्मपरिवर्तन कानून जैसे वादों के दम पर क्या कांग्रेस बीजेपी का रास्ता रोक पाएगी? 10 मई की वोटिंग और 13 मई को आने वाले नतीजे से पहले क्या है कर्नाटक की जनता का मिजाज. आइए जानते हैं.


बजरंग दल पर बैन से कांग्रेस को फायदा या नुकसान?


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों के घोषणा पत्र सामने आ चुके हैं, लेकिन कर्नाटक समेत पूरे देश में एक ही मुद्दे की चर्चा है और वो है कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल जैसे संगठन पर बैन लगाने का वादा.  कांग्रेस के इस ऐलान को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाने की पूरी कोशिश की. खुद पीएम मोदी ने अपनी रैलियों और रोडशो में इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठाया और बजंरग दल को बजरंग बली से जोड़ दिया. 


इसलिए ओपिनियन पोल में हमने कर्नाटक के लोगों से पूछा कि बजरंग दल पर बैन के कांग्रेस के ऐलान का क्या असर होगा? इसके जवाब में 22% लोगों ने कहा कि इस ऐलान से कांग्रेस को फायदा होगा. हालांकि इससे दोगुने यानी 44% लोगों ने माना कि इस वादे से चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. वहीं 19% लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि इससे चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जबकि 15% लोगों ने कहा कि इस मामले में कुछ भी कहना मुश्किल है.