नई दिल्ली: यूपी में किस पार्टी की सरकार बनेगी. प्रदेश की 403 सीटों पर जनता का मूड क्या है. इस पर Zee News ने फाइनल ओपिनियन पोल किया. इस ओपिनियन पोल में पश्चिम यूपी के लोगों की नब्ज टटोली गई. 


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पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के दस मार्च को नतीजे आएंगे. ऐसे में ZEE NEWS के लिए DesignBoxed ने सर्वे किया है. इस सर्वे में 10 लाख से ज्यादा लोगों की राय ली गई है. सर्वे 10 दिसंबर 2021 से 15 जनवरी 2022 के बीच किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 4 फीसदी है. ये सिर्फ ओपिनियन पोल है..जिसमें लोगों की राय शामिल की गई. चुनाव में जनता की राय सर्वोपरि है...इस ओपिनियन पोल को किसी भी प्रकार से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश ना समझा जाए.


अब तक परंपरा रही है कि यूपी 4 हिस्सों में बांटा जाता रहा है लेकिन जनता की राय को और बेहतर तरीक से समझने के लिए हमने हमने पूरे उत्तर प्रदेश को 6 हिस्सों यानी 6 रीजन में बांटा है. जिससे कि ओपिनियन पोल ज्यादा सटीक बन सकें. 


ये रीजन हैं:  


- पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जिसमें 14 जिले और 71 सीट हैं. 


- बुंदेलखंड, जिसमें 7 जिले और 19 सीट हैं. 


- रुहेलखंड, जिसमें 4 जिले और जिसमें 25 सीट हैंं. 


- अवध, जिसमें 19 जिले और 119 सीट हैं और सबसे ज्यादा सीट इसी रीजन में हैं.


- सेंट्रल उत्तर प्रदेश, जिसमें 14 जिले और 67 सीट हैं. 


- पूर्वांचल, 17 जिले और 102 सीट हैं. 


यूपी के ओपिनियन पोल की शुरुआत पश्चिमी यूपी से करते हैं. पश्चिमी यूपी में ही सबसे पहले मतदान होना है. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को है यानी 1 हफ्ते से भी कम का समय बचा है. जबकि दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को है यानी दोनों पहले दोनों चरण के मतदान में पश्चिमी यूपी के सभी सीटों पर मतदान हो जाएंगे. पश्चिमी यूपी के सभी उम्मीदवारों का नामांकन दाखिल हो चुका है.


पश्चिमी यूपी में 71 सीट और 14 जिले हैं. जिलों की बात करें तो इसमें शामिल हैं- सहारनपुर, शामली, मुज़फ़्फ़रनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बाग़पत, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर.


अगर इस क्षेत्र में अहम सीटों की बात करें यहां कैराना, मुजफ्फरनगर, खतौली, नगीना, नजीबाबाद, मुरादाबाद, चंदौसी, देवबंद, सहारनपुर, हसनपुर, मेरठ, मुरादनगर, लोनी, गाजियाबाद, मोदीनगर, नोएडा, दादरी, जेवर, धौलाना, हापुड़ शामिल हैं.


2017 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किस पार्टी को कितना वोट शेयर मिला इसकी बात करते हैं


- BJP का वोट शेयर का 41 फीसदी था.


- समाजवादी पार्टी का 22 फीसदी था.


- कांग्रेस पार्टी का 8 फीसदी था.


- बीएसपी का 21 फीसदी था.


- अन्य के हिस्से में 8 फीसदी आए थे.


ZEE NEWS DESIGN BOXED के 20 जनवरी- 2 फरवरी के बीच हुए दूसरे ओपिनियन पोल के मुताबिक पश्चिमी यूपी में किस पार्टी को कितना वोट शेयर मिल रहा है.


- BJP+ को 36 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है.


- समाजवादी पार्टी गठबंधन को 37 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है.


- बीएसपी को 14 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है.


- कांग्रेस को 6 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है. 


- जबकि अन्य के हिस्से 7 फीसदी वोट शेयर मिल रहा. 


अगर अंतर की बात करें तो बीते एक महीने में पश्चिमी यूपी में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो रहा है. यानी हमारे पहले ओपिनियन पोल में पश्चिमी यूपी में जितनी सीटें मिल रही हर पार्टी को उतनी ही मिल रही है. पश्चिमी यूपी में ट्रेंड का नहीं बदलना बड़ी बात है खासतौर पर समाजवादी पार्टी के लिए जिसे पश्चिमी यूपी में बड़ी जीत की उम्मीद है.


वर्ष 2017 में पश्चिम उत्तर प्रदेश में किस पार्टी को कितनी सीटें मिली थीं. 


- BJP को 52 सीट मिली थीं.


- समाजवादी पार्टी को 15 सीट मिली थीं. 


- कांग्रेस पार्टी को 2 सीट मिली थी.


- बीएसपी 1 सीट मिली थीं. 


- अन्य के हिस्से में 1 सीट आई थीं.


ZEE NEWS DESIGN BOXED के पहले के सर्वे के मुताबिक, पश्चिम उत्तर प्रदेश में किस पार्टी को कितना सीट मिलने की संभावना है बताते हैं. 


- बीजेपी को BJP+ को 33-37 सीट मिल सकती है.


- समाजवादी पार्टी गठबंधन को भी 33-37 सीट मिल रही है. 


- बीएसपी को 2-4 सीट मिल रही है. 


- कांग्रेस को 0 सीट मिल रही है. 


- जबकि अन्य के हिस्से 0 सीट आ रही है. 


ZEE NEWS DESIGN BOXED का दूसरा ओपिनियन पोल 20 जनवरी- 2 फरवरी के बीच किया गया. इसके मुताबिक पश्चिमी यूपी में किस पार्टी को कितनी सीट मिल रहा हैं. 


- बीजेपी को BJP+ को 33-37 सीट मिल सकती है


- समाजवादी पार्टी गठबंधन को भी 33-37 सीट मिल रही है  


- बीएसपी को 2-4 सीट मिल रही है 


- कांग्रेस को 0 सीट मिल रही है 


- जबकि अन्य के हिस्से 0 सीट आ रही है 


पहले और दूसरे ओपिनियन पोल में बदलाव


- किसी एक गठबंधन के पक्ष में माहौल नहीं.
- बीजेपी+ - एसपी+ में कांटे की टक्कर. 
- समाजवादी पार्टी को फायदा लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.
- बीजेपी को नुकसान की आशंका लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.
- बीएसपी को बड़ा नुकसान होने की आशंका.


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