UP Assembly By Elections 2024 Opinion Poll: लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में एक बार फिर जंग होने जा रही है. यूपी असेंबली की खाली हुई 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने जा रहे हैं. इन उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने न तो अभी अधिसूचना जारी की है और न ही उम्मीदवार घोषित हुए हैं. फिर भी बीजेपी और सपा अघोषित तरीके से चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. लोकसभा चुनाव में मात खाई बीजेपी इन उपचुनावों में जीत दर्ज जबरदस्त वापसी की तैयारी में है. जबकि अखिलेश यादव इन उपचुनावों में ज्यादा सीटें जीत दर्ज करके 2027 के लिए अपना दावा मजबूत करना चाहते हैं. 


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DISCLAIMER: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं. 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले इस उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज़ हैं. उपचुनाव से पहले हमारी AI ऐंकर ZEENIA ZEE NEWS के करोड़ों दर्शकों के लिए AI POLL लेकर आई हैं. ZEE NEWS के लिए ये सर्वे डेटा एनालिटिक्स कंपनी ICPL ने किया है. डेटा कलेक्शन और डेटा प्रोसेसिंग में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से हमने ये आंकड़े तैयार किए हैं. 


योगी दिखाएंगे दम या अखिलेश मारेंगे मैदान


सबसे पहले आपको बताते हैं कि UP में कहां कहां पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. 


1- खैर, अलीगढ़


2- मिल्कीपुर, अयोध्या


3- कटेहरी, अंबेडकरनगर


4- मीरापुर, मुज़फ़्फ़रनगर


5- सीसामऊ, कानपुर


6- फूलपुर, प्रयागराज


7- ग़ाज़ियाबाद


8- मझवां, मिर्ज़ापुर


9- कुंदरकी, मुरादाबाद


10- करहल, मैनपुरी


अब तक किसका रहा है कब्जा 


यूपी असेंबली की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से पांच पर एनडीए तो बाकी 5 पर इंडी गठबंधन का कब्जा रहा है. मौजूदा वक्त में ये सीटें इन पार्टियों के कब्जे में हैंः- 


1- मिल्कीपुर सीट - समाजवादी पार्टी


2- करहल सीट - समाजवादी पार्टी


3- कटेहरी सीट - समाजवादी पार्टी


4- कुंदरकी सीट - समाजवादी पार्टी


5- खैर सीट - भारतीय जनता पार्टी


6- ग़ाज़ियाबाद सीट - भारतीय जनता पार्टी


7- फूलपुर सीट - भारतीय जनता पार्टी


8- मीरापुर सीट - राष्ट्रीय लोकदल


9- मझवां सीट - निषाद पार्टी


10- सीसामऊ सीट - समाजवादी पार्टी


मिल्कीपुर सीट पर चुनावी जीत के मायने?


मिल्कीपुर अयोध्या जिले की सीट है. इस सीट पर सबसे ज्यादा मारामारी है. बीजेपी जहां इस सीट पर जीत दर्ज करके अयोध्या की हार का हिसाब करना चाहती है. उसकी हिंदुत्व की राजनीति के लिए यहां पर जीत दर्ज करना बेहद अहम है. वह यहां पर फतह हासिल करके इसे अयोध्या की जीत बताने की तैयारी में है. वहीं सपा इस सीट पर जीत हासिल करके BJP की रणनीति पर चोट करना चाहती है. वह दूसरी बार अयोध्या में बीजेपी को हराकर यह साबित करना चाहती है कि हिंदुओं के मन से बीजेपी उतर गई है. 


UP विधानसभा का गणित


BJP -251


SP -105


अपना दल (S)- 13


RLD - 8


SBSP - 6


NISHAD - 5


JSD - 2


कांग्रेस -2


BSP -1


रिक्त-10


सीएम पद के लिए पहली पसंद कौन?


यूपी उपचुनावों में बड़ा सवाल उठ रहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद कौन है? इस सवाल पर AI ऐंकर ZEENIA ने अपने सर्वे में बताया कि 58 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. वहीं 40 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद अखिलेश यादव है. जबकि सिर्फ़ 2 प्रतिशत लोगों ने BSP सुप्रीमो मायावती को मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद बताया है. 


बतौर सीएम योगी का कैसा रहा काम?


यूपी में मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कामकाज कैसा है. इसके जवाब में 19 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कामकाज बहुत बेहतर है. वहीं 68 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के कामकाज को संतोषजनक बताया. जबकि 11 प्रतिशत की नज़र में योगी आदित्यनाथ का कामकाज ख़राब रहा तो वहीं 2 प्रतिशत लोगों ने कोई राय नहीं दी. 


पब्लिक की नजर में चुनाव मुद्दे क्या?


चुनाव के दौरान पॉलिटिकल पार्टियां और पॉलिटिशियन कई मुद्दे उछालते हैं लेकिन जनता इन उपचुनावों में किन मुद्दों पर वोट देगी. ये जानने के लिए हमने AI पोल के दौरान सवाल किया कि उपचुनाव में यूपी का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या रहेगा? इसके जवाब में 40 प्रतिशत लोगों ने जाति को सबसे बड़ा मुद्दा बताया. वहीं 35 परसेंट लोगों के लिए रोज़गार बड़ा मुद्दा है. जबकि धर्म को 20 प्रतिशत लोगों ने बड़ा मुद्दा बताया और 5 प्रतिशत लोगों ने कुछ नहीं बताया. 


क्या पेपर लीक मसले का पड़ेगा असर?


बीते डेढ़ महीने से पेपर लीक का मुद्दा सुर्खियों में है और हमारा अगला सवाल भी इसी से जुड़ा है. AI पोल में हमने पूछा कि क्या पेपर लीक के मुद्दे का यूपी उपचुनाव पर असर पड़ेगा. इसके जवाब में 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पेपर लीक का मुद्दा यूपी उपचुनाव के नतीजों को प्रभावित करेगा. जबकि 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसका कोई असर नहीं होगा. वहीं 18 प्रतिशत लोगों ने इस बारे में कोई राय नहीं दी. 


जाति- धर्म का कितना होगा प्रभाव?


ये बात जगजाहिर है कि चुनाव का अंत आते आते तमाम बड़े मुद्दे फीके पड़ जाते हैं और धर्म और जाति का मुद्दा सबसे ऊपर आ जाता है. इसी से जुड़ा सवाल हमने AI पोल में रखा... हमने पूछा कि क्या यूपी में जाति का मुद्दा धर्म पर भारी पड़ेगा? इसके जवाब में 55 परसेंट लोगों ने कहा कि हां, जाति का मुद्दा धर्म पर भारी पड़ेगा. वहीं 40 परसेंट लोगों का कहना है कि जाति का मुद्दा धर्म पर भारी नहीं पड़ेगा और 5 परसेंट लोगों ने इस पर चुप रहना ही बेहतर समझा. 


चुनावों के नतीजे नेताओं के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड माने जाते हैं. इसी से जुड़ा एक सवाल हमने लोगों से किया. सवाल ये कि मुख्यमंत्री के तौर पर किसका कार्यकाल बेहतर रहा? इस मुकाबले में योगी बाकी नेताओं से काफ़ी आगे दिखे. पब्लिक के बोल की माने तो 58 परसेंट लोग मानते हैं योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल बेहतर रहा. वहीं 23 परसेंट लोग अखिलेश यादव के कार्यकाल को बेहतर बताते हैं... जबकि 19 परसेंट लोगों का कहना है कि बतौर मुख्यमंत्री मायावती का कार्यकाल बेहतर था. 


सबसे ज्यादा किसने करवाए विकास कार्य?


मंत्रियों और नेताओं के भाषण में अक्सर एक शब्द की चर्चा सबसे ज़्यादा होती है और वो शब्द है विकास. तो हमने भी अपने पोल में विकास से जुड़ा सवाल किया. सवाल ये कि विकास के मुद्दे पर कौन मुख्यमंत्री बेहतर? इसके जवाब में 65 प्रतिशत लोगों माना कि योगी आदित्यनाथ ने राज्य में विकास का काम किया है. वहीं 25 प्रतिशत लोगों की राय है कि अखिलेश यादव ने विकास का काम करवाया था. जबकि 10 प्रतिशत लोगों की राय है कि मायावती के राज में विकास सबसे तेज़ हुआ था. 


उपचुनावों में कैसा रहेगा रिजल्ट?


AI पोल के सबसे बड़े सवाल कि उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं. चलिए इस सवाल पर AI पोल का पिटारा खोलते हैं. AI ऐंकर ZEENIA के मुताबिक उनकी टीम को मिले 30 लाख रुझानों के आधार पर उपचुनाव वाली 10 सीटों में से BJP गठबंधन को 6 और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 4 सीटें मिल सकती हैं. जबकि अन्य का खाता नहीं खुलेगा.