Financial Advisor Career: अगर आप फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की अच्छी समझ रखते हैं, टैक्स बिजनेस से जुड़े कामों में रुचि है और इस क्षेत्र में आप बेहतर करियर की तलाश कर रहे हैं तो यह आपके काम की खहर है. जी हां, ऐसे कैंडिडेट्स के लिए फायनेंशियल एडवाइजर एक बेहतर करियर ऑप्शन हो सकता है. ऐसे युवा जिन्होंने बी. कॉम या इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है उनके लिए इस क्षेत्र में करियर बनाना बेहतर साबित होगा. यहां हम आपको इस फील्ड से जुड़ी हर जरूरी जानकारी  दे रहे हैं.


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फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका
फाइनेंशियल एडवाइजर अपने क्लाइंट्स की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए उन्हें जरूरी एजवाइज दें. साथ ही अपने क्लांइट्स की बेहतरी के लिए उन्हें इन्वेस्टमेंट, इन्श्योरेन्स, सेविंग स्कीम्स और लोन आदि के बारे में सही इंफॉर्मेशन दें. फाइनेंशियल एडवाइजर को फाइनेंस मार्केट की अच्छी समझ होना जरूरी है. स्टैटस को ठीक तरह से मैनेज करना आना चाहिए, ताकि वो क्लांइट्स को पूरी जानकारी देने के साथ ही बेहतर फाइनेंशियल एडवाइज भी दे सके. 


फाइनेंशियल एडवाइजर की मांग
फाइनेंशियल एडवाइजर या यूं कहे कि प्लानर की जरूरत आज के दौर में मीडियम और छोटे स्तर की कंपनियों में सबसे ज्यादा होती है. इनकी हेल्प से बड़ी कंपनियां अपने सभी बड़े और महत्वपूर्ण फाइनेंशियल डिसीजन लेती हैं. इसके अलावा कंपनियों में क्रेडिट एनालिस्ट, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट, कमर्शियल रियल एस्टेट एजेंट, पोर्टफोलियो मैनेजर, स्टॉक ब्रोकर की भी काफी डिमांड रहती है. 


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फाइनेंशियल एडवाइजर की सैलरी
 शुरुआती तौर पर किसी कंपनी से जुड़ने पर फाइनेंशियल एडवाइजर को 20-25 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है. वहीं, 5-7 साल का एक्सपीरियंस होने पर 45-55 हजार रुपये प्रतिमाह तक सैलरी पहुंच जाती है. समय बढ़ने के साथ ही  आप डेढ़ से दो लाख रुपये प्रतिमाह तक कमा सकते हैं. मार्केट में इस फील्ड के कई लोग ऐसे हैं जो डेढ़ से दो लाख रुपये प्रतिमाह तक का वेतन ले रहे हैं. 


शैक्षणिक योग्यता
अगर आप फाइनेंशियल एडवाइजर बनना चाहते हैं तो इसके लिए 12वीं के बाद कैट की परीक्षा पास करनी होगी. सबसे जरूरी बात यह है कि इसके लिए कॉमर्स विषय का स्टूडेंट होना जरूरी नहीं है. हालांकि, फाइनेंस में आगे की स्टडी के लिए लिए ग्रेजुएशन की डिग्री होना जरूरी है.


ग्रेजुएशन के बाद युवा एमबीए इन फाइनेंस, एमएस इन फाइनेंस, मास्टर डिग्री इन फाइनेंशियल इंजिनियरिंग, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस, एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस, मास्टर्स इन कमोडिटी एक्सचेंज आदि कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं.


इस फील्ड में करियर स्कोप
दरअसल, इस फील्ड में बी. कॉम के स्टूडेंट्स आना पसंद करते हैं. इसमें करियर बनाने  वाले युवाओं से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट होने की उम्मीद की जाती है. वहीं, ऐसे युवा जिन्होंने चार्टेर्ड एकाउंटेंसी और कॉस्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंसी किया है, वो आगे फाइनेंस में एमबीए करने की ओर कदम बढ़ाना पसंद करते हैं. वहीं, ज्यादातर यह देखने में आता है कि इस फील्ड में करियर तलाशने वाले युवा अक्सर फाइनेंशियल मैनेजमेंट में मास्टर, इकोनॉमिक्स या फिर कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद ही आते हैं.


इन जगहों से कर सकते हैं कोर्स 
1.डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज, डीयू (नई दिल्ली)
2.इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल प्लानिंग, नई दिल्ली
3.बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
4.पटना यूनिवर्सिटी, पटना (बिहार)
5.जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जमशेदपुर (झारखंड)
6.नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई (महाराष्ट्र)