नई दिल्ली: IAS Success Story: यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास करना बहुत से लोगों का सपना होता है, लेकिन इस सपने को पूरा बहुत कम लोग ही कर पाते हैं. यूपीएससी की परीक्षा हमारे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा में सफल होने के लिए अभ्यर्थियों को दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. ऐसी ही मेहनत भरी और प्रेरणादायक कहानी है आईएएस ऑफिसर प्रियंका शुक्ला (Priyanka Shukla) की, जिन्होंने डॉक्टरी छोड़ सिविल सर्विसेस को अपनाने का फैसला किया था. साल 2009 में वे यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बन गई थी. हालांकि, उनकी आईएएस बनने का किस्सा बड़ा ही रोचक है. किसी के दिए हुए एक ताने के कारण ही उन्हेंने आईएएस बनने का निर्णय कर लिया था.


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बता दें कि प्रियंका शुक्ला ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी, लेकिन प्रियंका का पूरा परिवार चाहता था कि वह बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बने. उनके पिता हरिद्वार के जिलाधिकारी वाले विभाग में कार्यरत थे. प्रियंका बताती है कि उनके पिता का सपना था कि वह अपने घर के सामने कलेक्टर के रूप में छपी प्रियंका के नाम वाली नेमप्लेट देखें.


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प्रियंका ने एमबीबीएस का एंट्रेस एग्जाम क्लियर कर लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था. एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर उन्होंने लखनऊ में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. प्रियंका डॉक्टर बन कर बेहद खुश थी, लेकिन डॉक्टरी के दौरान हुई एक घटना ने उनके जीवन का लक्ष्य ही बदल कर रख दिया. 


एक बार प्रियंका एक स्लम एरिया में लोगों की जांच के लिए गई थी. जांच के दौरान प्रियंका ने देखा कि एक महिला गंदा पानी पी रही थी और अपने बच्चे को भी पिला रही थी. प्रियंका ने उस महीला से गंदा पानी पीने को मना किया, जिस पर उस महीला ने पलट कर जवाब दिया कि क्या तुम कहीं की कलेक्टर हो? यह बात सुनकर प्रियंका सन्न रह गई और पूरी तरह से हिल गई, जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर बनने का ही निर्णय कर लिया. 


प्रियंका ने यूपीएससी सिविल सर्विसेस की परीक्षा का पहले अटेंप्ट दिया पर वह असफल रही. हालांकि, वह निरंतर प्रयास करती रही और साल 2009 में उन्होंने आखिरकार यूपीएससी की परीक्षा पास कर डाली. आईएएस ऑफिसर बनने के बाद प्रियंका ने लोगों की जिंदगी बदलने को ही अपना लक्ष्य बना लिया था.