Indian Army Agniveer Recruitment 2022: इस दिन होगा परीक्षा का आयोजन, देखें शेड्यूल
Indian Army Agniveer Recruitment 2022: अग्निपथ योजना के तहत आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक शपथ पत्र जमा करना होगा, जिसमें इस बात की पुष्टि हो कि वे कभी भी किसी हिंसा का हिस्सा नहीं थे. सशस्त्र बलों में आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. साथ ही पुलिस सत्यापन हमेशा से ही भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहा है.
नई दिल्ली: भारतीय थल सेना द्वारा पहले चरण में 25 हजार अग्निवीरों की भर्तियां की जाएंगी. इन भर्तियों के लिए अगस्त के दूसरे सप्ताह में देशभर में 80 रैलियों का आयोजन किया जाएगा. इसकी जानकारी अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मंगलवार को दी.
उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए 16 अक्तूबर 2022 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. परीक्षा में पास होने वाले 25 हजार अग्निवीरों को दिसंबर महीने में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. बाकी 15 हजार अन्य पदों के लिए लिखित परीक्षा 13 नवंबर को आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थी फरवरी महीने में ट्रेनिंग के लिए जाएंगे. इस दौरान नौसेना और वायुसेना के द्वारा भर्ती प्रक्रिया को तेज किए जाने की जानकारी दी गई है. नौसेना द्वारा 21 नवंबर 2022 को अग्निवीरों का पहला बैच प्रशिक्षण के लिए जाएगा. वहीं वायुसेना के अग्निवीरों का प्रशिक्षण भी दिसंबर महीने में शुरू हो जाएगा.
रेजीमेंट व्यवस्था रहेगी कायम
अनिल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पहले की तरह ही होगी. इसके अलावा मानक भी पहले जैसे ही रहेंगे. इनमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. सेना में पारंपरिक रेजीमेंट व्यवस्था पहले की तरह ही कायम रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि यह सुधार बहुत जरूरी है.
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सत्यापन प्रक्रिया भर्ती का हिस्सा
उन्होंने यह भी कहा कि अग्निपथ योजना के तहत आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक शपथ पत्र जमा करना होगा, जिसमें इस बात की पुष्टि हो कि वे कभी भी किसी हिंसा का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि सशस्त्र बलों में आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. साथ ही पुलिस सत्यापन हमेशा से ही भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहा है.
कार्रवाई का होगा अधिकार
अनिल पुरी ने कहा कि सेना के कमांडिग अधिकारी को खराब प्रदशर्न करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार होगा. छह महीने की ट्रेनिंग के बाद भी जो अभ्यर्थी सेना के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाएंगे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने में भी कोई देरी नहीं की जाएगी.
वीरता पुरस्कार के होंगे पात्र
सेना के अधिकारियों ने यह भी कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए अग्निवीर वीरता पुरस्कार के पात्र होंगे.