नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की खबरें आए दिनों अखबारों में छाई रहती हैं. कुछ चालबाज लोग अच्छी नौकरी का झांसा देकर युवाओं को फंसा लेते हैं. इससे युवाओं की जेब को चपत लगने के साथ-साथ उनके भविष्य पर भी सवाल खड़ा हो जाता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में बेरोजगार युवाओं को ठगे जाने के यह किस्से ये बताने के लिए काफी हैं कि नौकरी के नाम पर जालसाजी और ठगी का जाल किस कदर पसरा है. नौकरी दिलाने की आस देकर मोटी रकम ऐंठने के मामले रोजाना देश में कहीं-न-कहीं दर्ज किए जाते हैं. ऐसे झांसे का शिकार होकर युवा घर की जमा-पूंजी से हाथ तो धो ही बैठते हैं, साथ में जालसाजी का शिकार होने का अहसास भी सालोंसाल तक टीस देता रहता है. अब सवाल उठता है कि ऐसे चालबाजों से कैसे बचें, तो आइये हम आपको बताते हैं...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है फंसाने के तरीके



ऐसे पहचानें असलियत


  • मुलाकात के दौरान पहले ध्यान से ऑफर को समझें. एक-एक शब्द को ध्यान से सुनें. अगर किसी तरह के सर्विस चार्ज, कमिशन या किसी और नाम से पैसे देने की बात सामने आए तो साफ शब्दों में पूछें कि किस बात के पैसे मांग रहे हैं?

  • अगर किसी प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर यह हो रहा है तो साफ कहें कि नौकरी मिलने के बाद जब सैलरी मिलेगी, उसके बाद ही आप कमिशन या तयशुदा फीस दे पाएंगे. उससे पहले एडवांस में पैसे देने का सवाल ही नहीं उठता. अगर सही ऑफर होगा तो वह आपकी पहली सैलरी का इंतजार कर सकते हैं.

  • सरकारी नौकरी दिलाने का भरोसा 99 फीसदी फ्रॉड मामला है, क्योंकि सरकारी विभागों के खाली पदों को भरने के लिए पूरी प्रक्रिया का अच्छी तरह पालन किया जाता है. शॉर्ट-कट से नौकरी मिलने का सवाल ही नहीं पैदा होता.

  • अपनी तसल्ली के लिए आप संबंधित सरकारी विभाग से सीधे संपर्क करें और दावों की सच्चाई पता करें. फोन नंबर या पता विभागों की वेबसाइट्स से बड़ी आसानी से मिल जाता है.


कौन होते हैं संभावित टारगेट


  • नौकरी की तलाश में जगह-जगह भटकते नजर आने वाले बेरोजगार नौजवान

  • प्लेसमेंट एजेंसियों में आने-जाने वाले और इनमें रोजगार के लिए रजिस्टर्ड युवा

  • तमाम सोशल वेबसाइट्स पर अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर करने वाले लोग

  • कम पढ़े-लिखे और स्कूली शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले बेरोजगार

  • प्राइवेट जॉब्स में काम करने वाले ऐसे लोग, जो सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठे रहते हैं

  • पढ़ी-लिखी हाउस वाइव्स, जिनकी करियर बनाने में गहरी दिलचस्पी हो

  • शहरों में नए-नए आने वाले ग्रामीण बैकग्राउंड के युवा


क्या करें, क्या न करें


  • ऐसे फ्रॉड में फंसने की शुरुआत जॉब पाने के लिए बैकडोर एंट्री के लालच से ही होती है. किसी भी तरह अच्छी नौकरी जुगाड़ने की मानसिकता को चालबाज कैश कर लेते हैं, इसलिए शॉर्ट-कट की बजाय हमेशा अपनी क्वॉलिफिकेशन और क्षमता के अनुसार तय प्रक्रिया को अपनाते हुए जॉब पाने की कोशिश करनी चाहिए.

  • अप्लाई करते वक्त कन्फ्यूजन की स्थिति में दलालों और बिचौलियों से मदद लेने के बजाए सीधे संबंधित विभागों के अधिकारियों से आधिकारिक जानकारियां हासिल करनी चाहिए.

  • अपने बारे में ज्यादा जानकारियां किसी अजनबी को देने की आदत को बदल लेना ही समझदारी है. बाद में इन्हीं सूचनाओं का इस्तेमाल कर ठगा जाता है.

  • किसी पर भी फौरन भरोसा कर लेना खतरे से खाली नहीं होता. जाने-अनजाने ऐसी गलती कर बैठना अक्सर महंगा सौदा साबित होता है.


विज्ञापनों की लुभावनी भाषा से सावधान रहें


  • ऐसे क्लासिफाइड विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं- जैसे बड़ी मल्टिनेशनल कंपनी में बैकडोर एंट्री से कन्फर्म कोर आईटी टेक्निकल ट्रेनिंग के साथ जॉब, कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए हाईटेक जॉब के मौके, अनुभव रहित लोगों को आकर्षक पे पैकेज सहित जॉब आदि.

  • असल में ऐसे ज्यादातर विज्ञापन पूरी तरह से झूठे होते हैं और बेरोजगार युवाओं को फंसाने के लिए तैयार किए जाते हैं.

  • ऐसे लोग कमिटमेंट अमाउंट, ट्रेनिंग फीस, कंसल्टेंट फीस, नॉन रिफंडेबल सिक्युरिटी डिपॉजिट आदि की आड़ में लाखों रुपए की उगाही की चाल चलते हैं.


कैसे पहचानें जॉब फ्रॉड्स के ऑफर


  • कम काम, किसी प्रफेशनल डिग्री और अनुभव के बिना भी बेहद ऊंची सैलरी का ऑफर

  • क्रेडिट कार्ड, बैंक अकाउंट्स और दूसरी पर्सनल डिटेल्स के बारे में जानने की कोशिश

  • बिना किसी सिलेक्शन प्रोसेस या इंटरव्यू के जॉब लेटर देने की बात

  • ऐसे ऑफर्स, जिसमें आपसे ऑनलाइन ट्रांसफर या कुरियर के जरिए पैसे देने को कहा जाए


बचने के लिए क्या करें


  • जो लोग आपको ऐसे ऑफर्स दे रहे हों, उनकी पहचान जानने के लिए आई-कार्ड या दूसरे रेजिडेंशल प्रूफ की कॉपी मांगें.

  • हमेशा ऐसी कंपनियों में काम करने वाले लोगों के रेफरेंस हासिल करने और कंपनी के ऑफिस में जाकर अधिकारियों से मिलने की बात पर जोर दें.

  • अपने सोर्सेज के जरिए कंपनी के बारे में जानकारियां हासिल करने की कोशिश करें.

  • बिना आधिकारिक ईमेल और लेटरहेड के ऑपरेट करने वाली कंपनियों पर भरोसा न करें.

  • अगर विदेशी कंपनियों से ऑफर का मामला हो तो संबंधित देश की एंबेसी से संपर्क कर असलियत जानने की कोशिश करें.

  • शक होने पर वक्त रहते पुलिस से संपर्क कर छानबीन का अनुरोध करें.