आयरन एक आवश्यक खनिज है जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है. यह रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करता है, जो ऑक्सीजन को शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती हैं. आयरन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महिलाओं में आयरन की कमी की समस्या अधिक आम है. इसका कारण यह है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान खून की हानि होती है. इसके अलावा, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान भी महिलाओं को आयरन की आवश्यकता बढ़ जाती है.


आयरन की कमी से होने वाली बीमारियां


एनीमिया: आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम समस्या है. इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. एनीमिया के कारण थकान, सांस फूलना, चक्कर आना, और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.


दिल की बीमारी: आयरन की कमी से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. आयरन की कमी से दिल को ऑक्सीजन पहुंचाने में मुश्किल होती है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.


गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं: गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से गर्भपात, समय से पहले प्रसव, और शिशु में जन्मजात विकार होने का खतरा बढ़ सकता है.


प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी: आयरन की कमी से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.


मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: आयरन की कमी से डिप्रेशन, चिंता और मूड स्विंग जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.


आयरन की कमी के लक्षण
- थकान
- सांस फूलना
- चक्कर आना
- सिरदर्द
- त्वचा का पीला पड़ना
- नाखूनों का टूटना
- बालों का झड़ना
- मसूड़ों से खून निकलना
- मुंह में छाले


आयरन की कमी का टेस्ट और इलाज
आयरन की कमी का पता ब्लड टेस्ट से किया जाता है. इस टेस्ट में रेड ब्लड सेल्स की संख्या और हीमोग्लोबिन का स्तर मापा जाता है. वहीं, आयरन की कमी का इलाज आयरन की खुराक से किया जाता है. आयरन की खुराक गोलियों, कैप्सू या तरल पदार्थ के रूप में ली जा सकती है. इसके अलावा, आयरन की कमी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय भी कर सकती हैं.
- आयरन से भरपूर भोजन खाएं, जैसे कि लाल मांस, अंडे, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां और सूखे मेवे.
- गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से आयरन की खुराक लेने की सलाह लेनी चाहिए.
- मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होने पर डॉक्टर से सलाह लें.