भारत में एलर्जी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है, एक्सपर्ट का अनुमान है कि 30% भारतीयों को किसी न किसी चीज से एलर्जी है. मौसम में बदलाव और बढ़ते प्रदूषण के कारण परागकणों की मात्रा में वृद्धि इस समस्या को और बढ़ा रही है.


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एलर्जी एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर किसी हानिरहित पदार्थ को नुकसानदेह मानकर उस पर प्रतिक्रिया करता है. यह प्रतिक्रिया लक्षणों की एक सीरीज को जन्म दे सकती है, जैसे कि छींकना, नाक बहना, आंखों में पानी आना, खुजली, स्किन पर चकत्ते, सांस लेने में तकलीफ और यहां तक ​​कि गंभीर मामलों में एनाफिलेक्सिस भी हो सकता है.


एलर्जी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं
- पराग: पेड़ों, घास और वीड से परागकण सबसे आम एलर्जी ट्रिगर हैं.
- धूल के कण: धूल के कणों में घरेलू धूल, पतंगों और जानवरों की रूसी शामिल होती है.
- मोल्ड: मोल्ड एक प्रकार का कवक है जो नम और गीली जगहों पर पनपता है.
- पशु रूसी: कुत्तों, बिल्लियों और अन्य पालतू जानवरों की रूसी एलर्जी का कारण बन सकती है.
- भोजन: कुछ फूड, जैसे कि मूंगफली, सोया, दूध, अंडे और गेहूं, एलर्जी का कारण बन सकते हैं.
- दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि पेनिसिलिन, एलर्जी का कारण बन सकती हैं.


मौसम में बदलाव एलर्जी के लक्षणों को बदतर बना सकता है. उदाहरण के लिए, वसंत ऋतु में, परागकणों की संख्या में वृद्धि होती है, जिससे एलर्जी से पीड़ित लोगों में छींकने, नाक बहने और आंखों में पानी आने जैसे लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा, बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु में हानिकारक कणों की मात्रा में वृद्धि हो रही है, जो एलर्जी के लक्षणों को भी बदतर बना सकती है. यदि आपको लगता है कि आपको एलर्जी हो सकती है, तो डॉक्टर से सलाह करना महत्वपूर्ण है. डॉक्टर एलर्जी के कारण का पता लगाने के लिए परीक्षण कर सकते हैं और उपचार के विकल्पों की सलाह दे सकते हैं.


एलर्जी से कैस करें बचाव?
- यदि आप जानते हैं कि आपको किस चीज से एलर्जी है, तो उससे बचने की कोशिश करें.
- धूल और मोल्ड को कम करने के लिए अपने घर को नियमित रूप से साफ करें.
- एयर कंडीशनर और एयर फिल्टर परागकणों और अन्य एलर्जी ट्रिगर्स को आपके घर से बाहर रखने में मदद कर सकते हैं.
- यह एलर्जी ट्रिगर्स को आपके शरीर से दूर रखने में मदद करेगा.
- डॉक्टर एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं.