Parenting Mistakes: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे में आत्म-सम्मान हो और वह आत्‍मव‍िश्‍वास से भरा हो. लेकिन कई बार आपका बर्ताव अनजाने में आपके बच्चे के आत्म व‍िश्‍वास और आत्‍म सम्‍मान दोनों को तार-तार कर देता है. इस लेख में, हम माता-पिता के उन पांच गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो नकारात्मक परिणाम देती हैं. साथ ही ये भी बता रहे हैं क‍ि आप उनसे कैसे बच सकते हैं. ताक‍ि आपके बच्‍चे का आत्‍मसम्‍मान बचा रहे और आत्‍मव‍िश्‍वास कभी टूटे नहीं... 


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# गलती 1: छोटी-छोटी उपलब्‍ध‍ियों को नजरअंदाज करना 
जब बात अपने बच्चे के आत्म-सम्मान और आत्‍मव‍िश्‍वास की आती है, तो माता-पिता की सबसे आम गलतियों में से एक है उपलब्धियों को स्वीकार करने और उनका जश्न मनाने में विफल होना. चाहे वह किसी परीक्षा में अच्छे ग्रेड हों, कोई फुटबॉल मैच हो या घर के आसपास कोई काम पूरा करना हो... अपने बच्चे की उपलब्धियों को पहचानने और अच्छे से किए गए काम के लिए उनकी प्रशंसा करने के लिए समय निकालना जरूरी है. ऐसा करके, आप न केवल अपने बच्चे के आत्म-सम्मान को बढ़ाएंगे, बल्कि गर्व और उपलब्धि की भावना को भी बढ़ावा देंगे. 


# गलती 2: जरूरत से ज्‍यादा उम्‍मीद करना 


अपने बच्‍चे से उम्‍मीद करना स्‍वभाव‍िक है, लेक‍िन वो र‍ियल‍िस्‍ट‍िक होनी चाह‍िए. आप अपनी उम्‍मीद का टोकरा इतना भारी न कर दें क‍ि आपका बच्‍चा उसमें दब जाए और हर बार आपकी उम्‍मीदों पर खरा न उतरने पर उसे फेल होने जैसा महसूस होने लगे. ये उनके सेल्‍फ कॉन्‍फ‍िडेंस की धज्‍ज‍ियां उड़ा देगा. 


# गलती 3:  उनकी सोच का सम्‍मान न करना 
बढ़ती उम्र में ये संभव है क‍ि आपके बच्‍चे की सोच आपसे अलग हो. अपने बच्‍चे को हर पर‍िस्‍थ‍ित‍ि में ये न स‍िखाएं क‍ि उन्‍हें कैसा फील करना चाह‍िए या उन्‍हें कैसा सोचना चाह‍िए्. उनकी अलग सोच का सम्‍मान करें. आप अगर बार-बार उनकी सोच और आइड‍ियाज को घट‍िया बताते रहेंगे तो बच्‍चे का खुद पर से कॉन्‍फ‍िडेंस हि‍ल जाएगा. इसल‍िए ये जरूरी है क‍ि आप उन्‍हें अपने तरीके से सोचने दें और उन्‍हें एक्‍सप्रेस करने दें.  


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# गलती 4: दूसरे बच्‍चों के साथ तुलना 
ये गलती तो करीब करीब हर माता प‍िता करते हैं और इस एक गलती से बच्‍चे का कॉन्‍फ‍िडेंस सबसे ज्‍यादा टूटता है. वो क‍िसी के ढांचें में खुद को रखकर देखना शुरू कर देते हैं. जब माता-पिता ऐसा करते हैं, तो इससे उनके बच्चे को यह मैसेज जाता है कि वे जिस तरह के हैं, वैसे अच्छे नहीं हैं. इससे कई तरह की प्राॅबलम शुरू हो जाती हैं. इससे उनका कॉन्‍फ‍िडेंस कम तो होता है, साथ ही वो स्‍ट्रेस और ड‍िप्रेशन में जाने लगते हैं. अगर आप अपने बच्चे की तुलना दूसरों से करते हैं, तो खुद को संभालने की कोशिश करें और अपने विचारों को फिर से बदलकर कहें.  यह सोचने के बजाय कि मेरा बच्चा फलां-फलां जितना अच्छा नहीं है, यह सोचें क‍ि मेरा बच्चा बढ़िया कर रहा है और यही सबसे ज्‍यादा मायने रखता है. 


# गलती 5: ऐसे शब्‍दों का बार-बार यूज करना 
अगर आप अपने बच्‍चों के ल‍िए बार-बार ऐसे शब्‍दों का इस्‍तेमाल करते हैं, जो उसे अच्‍छा नहीं लगता है. जैसे क‍ि पागल, गधे, उल्‍लू आद‍ि जैसे शब्‍द ना कहें. इससे बच्‍चों को ये महसूस होता है क‍ि आप उनकी इज्‍जत नहीं करते और बदले में वो भी आपकी इज्‍जत करना छोड़ देते हैं. उनका कॉन्‍फ‍िडेंस घट जाता है. 

  


इन बातों की आदत डाल लें 


- उन्‍हें ध्‍यान से सुनें. 
- अपने बच्‍चे से बात करें.  
- बच्‍चों को हमेशा पॉज‍िट‍िव थ‍िंक‍िंग के ल‍िए प्रोमोट करें. 
- इस बात का एहसास द‍िलाएं क‍ि आप उनके साथ हमेशा हैं.  
- उन्‍हें खेलने और फिज‍िकल एक्‍ट‍िव‍िटी के ल‍िए प्रोत्‍साह‍ित करें. 
- उनके ल‍िए टाइम न‍िकालें. 
- जब जरूरत हो मदद लें.