माता-पिता सिखाएं बच्चे को लीडरशिप की ये 5 बातें, भीड़ में अलग पहचान बनाने में नहीं आएगी मुश्किल
How To Make Child a Leader: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा भीड़ से अलग नजर आए. हर चीज में अव्वल रहे, वो दूसरों को नहीं बल्कि बाकी सब उसे फॉलो करें. लेकिन कम ही पेरेंट्स अपने बच्चे को इस काबिल बना पाते हैं.
हर बच्चे में नेता बनने की कैपेसिटी होती है। भले ही कुछ बच्चे लीडरशिप गुणों के साथ पैदा होते हैं, लेकिन लीडर बनने की संभावना हर बच्चे के साथ किसी ना किसी प्वाइंट पर होती है. हर लीडर एक-दूसरे से अलग होता है, इतिहास में जहां कुछ लीडर शांत और संयमित हैं, वहीं कुछ कठोर और क्रोधी. कुछ लोग पैदाइशी लीडर रहे तो कुछ लोगों को लीडरशिप सीखनी पड़ी.
ऐसे में माता-पिता के रूप में, आपके पास अपने बच्चे को ढालने और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने की शक्ति है। यदि आपको अपने बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी लानी है तो आप उनके कौशल को विकसित करने के लिए उनके साथ मिलकर काम कर सकते हैं. यहां हम आपको इसके कुछ तरीके बता रहे हैं.
कॉन्फिडेंस के लिए कराएं ऐसे काम
कॉन्फिडेंस के साथ कोई पैदा नहीं होता यह एक स्किल सेट है जो जीवन में आने पड़ाव के साथ घटता या बढ़ता है. ऐसे में यदि आप अपने बच्चे को साहसी बनाने चाहते हैं तो उनसे ऐसे टास्क करवाएं, जिससे उसका कॉन्फिडेंस बूस्ट हो. जैसे- आप रेस्टोरेंट में खाने का ऑर्डर देने से लेकर पेमेंट करने तक की पूरी जिम्मेदारी बच्चे को दे सकते हैं. इससे उसके अंदर का डर खत्म होगा, साथ ही वह भी सिखेगा कि वेटर से किस तरह से बात किया जाता है.
जीत के साथ हार को स्वीकार करना सिखाएं
अच्छे लीडर का एक गुण यह भी होता है कि वह अपनी जीत के साथ अपनी हार को भी खुले बाहों से स्वीकार्य करता है. यह चीज हर माता-पिता को अपने बच्चे को जरूर सिखाना चाहिए. ऐसा करने से बच्चा बड़ा होकर कभी भी अपनी हार से निराश होकर मेहनत करना नहीं छोड़ता है. साथ ही इससे उसका कॉन्फिडेंस भी कम नहीं होता है.
दूसरों की भावनाओं को समझना सिखाएं
लीडर वही होता है जो दूसरों की भावनाओं की कद्र करें. यह चीज बचपन से हर माता-पिता को अपने बच्चे को सिखाना चाहिए. ताकि वह जहां भी जाए उसे लोग सम्मान और प्यार की नजरों से ही देखें, क्योंकि आज के समय में ऐसे लोग कम ही हैं जो दूसरों की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं.
अपनी पसंद और नापसंद की खोज करना सिखाएं
बच्चे को उनके पसंद और नापसंद को एक्सप्लोर करने की आजादी दें साथ ही उसे बोलकर और लिखकर एक्सप्रेस करना सिखाएं. इससे बच्चा पब्लिक में बोलने का गुण सिखता है. उसके अंदर से लोगों के सामने अपनी बात को रखने का डर खत्म हो जाता है. साथ ही वह बेहतर तरीके से बिना किसी की भावनाओं को हर्ट किए अपनी बातों को कहता है.
सोशल एक्टिविटीज में हिस्सा लेने के लिए मोटिवेट करें
सोशल एक्टिविटीज में हिस्सा लेना बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होता है. इन चीजों से बच्चा टीम भावना को सीखता है, जो लीडर बनने के लिए बहुत जरूरी है. इसके अलावा उसमें डिसीजन मेकिंग पावर भी बिल्डअप होता है.