अमृता सिंह ने बताया सैफ अली से तलाक के बाद क्यों किया काम, हर सिंगल पैरेंट के सामने होती हैं ये चुनौतियां
Single Parent Amrita Singh: सिंगल पैरेंटिंग में पेरेंट को अच्छी परवरिश के साथ अपनी टूटी शादी के साइड इफेक्ट्स से बच्चों को बचाना भी होता है. इसलिए सेलिब्रिटी होने के बावजूद अमृता राव को भी सिंगल पैरेंटिंग में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
बॉलीवुड एक्ट्रेस अमृता सिंह और सैफ अली खान के दो बच्चे सारा अली खान और इब्राहिम अली खान हैं. लेकिन 2004 में तलाक के बाद दोनों बच्चे अमेरिका में मां के साथ ही रहे. सिंगल पैरेंट बनकर एक्ट्रेस ने अपने बच्चों को संभाला. Zoom TV को दिए एक पुराने इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने फिल्मों में अपने कमबैक पर बात करते हुए बताया था कि वह नहीं चाहती थी कि उनके बच्चे ये महसूस करें कि वह लूजर पैरेंट के साथ रह गए हैं.
इसमें कोई दोराय नहीं कि सिंगल पैरेंट होना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है. क्योंकि ऐसे में न केवल अपने बच्चों की परवरिश करनी होती है बल्कि टूटी शादी के रिश्ते से पड़ने वाले असर से भी बच्चों को बचाना होता है. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ चैलेंजेस के बारे में बता रहे हैं जिसका सामना हर सिंगल पैरेंट को करना पड़ता है.
सिंगल पैरेंटिग की चुनौतियां-
01 सिंगल पैरेंट होने के नाते काम, घर और बच्चे की देखभाल तीनों को संभालना मुश्किल होता है. अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में कई बार वह इतने व्यस्त हो जाते हैं कि बच्चे के साथ फुर्सत के पल नहीं बिता पाते हैं. इसके कारण कई बार उन्हें अपने बच्चों से ही खरी-खोटी सुननी पड़ जाती है.
02 सिंगल पैरेंट पर आर्थिक दबाव काफी अधिक होता है. बच्चों की परवरिश, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सभी खर्चों को अकेले ही संभालने की जिम्मेदारी होती है. इतना ही नहीं सिंगल पैरेंट को यह भी इंश्योर करना पड़ता है कि बच्चों को कभी पैसों की कमी के कारण परेशान ना होना पड़े.
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03 सिंगल पैरेंट को इस बात का ध्यान रखना होता है कि बच्चे को कभी भी माता या पिता की कमी महसूस ना हो. ऐसे में 24 घंटे एक व्यक्ति का दोनों किरदार निभाना इमोशनली बहुत ही थकाऊ भरा होता है.
04 सिंगल पैरेंट को अकेलेपन का सामना करना पड़ता है. क्योंकि बच्चों की परवरिश से जुड़े फैसलों में सलाह या मदद करने वाला कोई नहीं होता. यह स्थिति बहुत कठिन होती है क्योंकि इसे वह अपने बच्चों के सामने भी जाहिर नहीं कर सकते हैं.
05 सिंगल पैरेंट को भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है. खासकर मां के लिए यह चुनौती और भी कठिन होती है. क्योंकि हमारे समाज में अकेले बच्चों की परवरिश करने वाली मां को लेकर कई तरह की गलत अवधारणाएं मौजूद हैं.