Ayurvedic remedies for sore throat:  बरसात का मौसम जहां एक ओर ताजगी और ठंडक लाता है, वहीं दूसरी ओर गले में खराश और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं भी साथ लाता है. गले में खराश एक आम समस्या है जो बरसात के मौसम में अक्सर लोगों को परेशान करती है. इस स्थिति में यदि आप तत्काल राहत पाना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक उपाय आपके लिए सबसे बेहतर साबित हो सकते हैं.


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आयुर्वेद में कई ऐसे उपचार हैं जो गले की खराश को तुरंत राहत देने में सक्षम हैं. आइए, जानते हैं कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक नुस्खे, जिनसे आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं और फिर से स्वस्थ महसूस कर सकते हैं.


1. हल्दी और गर्म पानी का गरारा
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो गले की सूजन और खराश को कम करने में मदद करते हैं. एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी नमक मिलाएं. इस मिश्रण से दिन में दो बार गरारा करें. इससे गले की खराश में तुरंत आराम मिलेगा.


2. शहद और अदरक
शहद और अदरक का मिश्रण भी गले की खराश के लिए बहुत प्रभावी होता है. अदरक का रस निकालें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. इस मिश्रण का सेवन करने से गले की सूजन और खराश कम होती है. शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को दूर करते हैं और अदरक का रस गले की सूजन को कम करता है.


3. तुलसी का काढ़ा
तुलसी आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी मानी जाती है. तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से गले की खराश में राहत मिलती है. कुछ तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और इसमें एक चुटकी काला नमक डालें. इसे थोड़ा ठंडा होने पर पिएं. तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की खराश को कम करते हैं.


4. मुलेठी
मुलेठी आयुर्वेद में गले की समस्याओं के लिए एक प्रमुख उपाय है. मुलेठी की जड़ को चबाने से गले की खराश में राहत मिलती है. मुलेठी में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले की सूजन और खराश को कम करते हैं.


5. नमक और पानी का गरारा
नमक और पानी का गरारा गले की खराश के लिए एक सबसे पुराना और प्रभावी घरेलू उपाय है. एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इससे दिन में दो-तीन बार गरारा करें. नमक पानी गले की सूजन को कम करता है और खराश से राहत दिलाता है.


6. मेथी के बीज
मेथी के बीज भी गले की खराश में राहत पहुंचाते हैं. मेथी के बीजों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं. इस काढ़े से गरारा करने से गले की खराश में आराम मिलता है. मेथी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की सूजन को कम करते हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.