अकेले रहना बुरा नहीं, कैसे एकांत रहकर अपनी मेंटल हेल्थ को बना सकता है बेहतर?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर अकेलेपन को नेगेटिव रूप में ही देखा जाता है. हर समय लोगों से घिरे रहना या सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना ही खुश रहने का पैमाना समझ लिया जाता है.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर अकेलेपन को नेगेटिव रूप में ही देखा जाता है. हर समय लोगों से घिरे रहना या सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना ही खुश रहने का पैमाना समझ लिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी-कभी अकेले रहना भी मेंटल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है?
दरअसल, अकेला रहना और एकांतवास (solitude) में रहना दो अलग-अलग चीजें हैं. एकांतवास का मतलब है जबरन अकेले रहना, जो अचानक हो सकता है. वहीं, चुनाव करके अकेला समय बिताना ही 'एंब्रेसिंग सॉलिट्यूड' (embracing solitude) कहलाता है. एकांत समय बिताने से मेंटल हेल्थ को कई तरह से फायदे होते हैं. आइए जानते हैं कैसे.
मन को शांति
आजकल हर तरफ से लगातार मिलने वाली सूचनाओं और बाहरी उत्तेजनाओं से हमारा दिमाग लगातार भरा रहता है. अकेले रहने से दिमाग को आराम मिलता है और विचारों को स्पष्ट करने का मौका मिलता है.
क्रिएटिविटी
जब हम अकेले होते हैं, तो गहन सोचने और इमेजिन करने का ज्यादा मौका मिलता है. इससे नई चीजें सीखने और क्रिएटिव काम को करने की प्रेरणा मिलती है.
समस्याओं का समाधान
अक्सर किसी समस्या का हल ढूंढने के लिए शांत माहौल की जरूरत होती है. अकेले रहकर हम चीजों को नए नजरिए से देख सकते हैं और बेहतर समाधान खोज सकते हैं.
आत्मनिर्भरता
अकेले रहने से अपने इमोशन को समझने और उनका मैनेज करने का मौका मिलता है. इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और दूसरों पर निर्भरता कम होती है.
अंदरूनी आवाज सुनने का मौका
हमेशा लोगों से घिरे रहने पर हम अपनी अंदरूनी आवाज को सुन ही नहीं पाते. अकेले रहने से अपने मन की बात सुनने और खुद को बेहतर तरीके से जानने का मौका मिलता है.
यह जरूरी नहीं कि आप लंबे समय तक अकेले रहें. बस रोजाना थोड़ा समय निकालकर शांत वातावरण में अकेले बैठना फायदेमंद हो सकता है. किताब पढ़ना, ध्यान लगाना, नेचर में घूमना या कोई भी ऐसा काम करना जो आपको पसंद हो, वह अकेलेपन को पॉजिटिव तरीके से अपनाने में मदद करेगा. तो कभी-कभी अकेले रहने से घबराएं नहीं. यह मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने का एक आसान और कारगर उपाय है.