Can Winter Affect Your Digestive System: सर्दी के मौसम में हम कम तापमान और सर्द हवाओं से घिर जाते हैं. विंटर सीजन में हमें अक्सर फ्लू, सर्दी, खांसी और जुकाम का खतरा रहता है, लेकिन हम इस दौरान पेट से जुड़ी परेशानियों की अनदेखी कर बैठते हैं. मौसम में बदलाव हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं. सीके बिड़ला अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विकास जिंदल (Dr. Vikas Jindal) ने बताया कि कुछ फैक्टर्स के बारे में जागरूक होकर हम डाइजेस्टिव हैल्थ को बनाए रखने में सक्रिय कदम उठा सकते हैं.


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सर्दियों में डाइजेशन पर असर


सर्दियों में हमारी खाने की आदतों में बदलाव आता है, अक्सर आरामदेह लेकिन पोषण की कमी वाले भोजन का अधिक सेवन किया जाता है, जो नमक, वसा और चीनी से भरपूर होते हैं. विंटर्स में कई लोग प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा खाते हैं जो डाइजेस्टिव सिस्टम को परेशान कर सकते हैं, जिसकी वजह से पेट में दिक्कतें पैदा हो सकती है. इसके अलावा कम तापमान के दौरान काफी लोग पानी का सेवन कम करते हैं जिससे डाइजेशन स्लो हो जाता है. ये ऐंठन, सूजन और कब्ज जैसी समस्याएं पैदा करता है.


क्यों होती है परेशानी?


सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटीज का कम होना, मेटाबॉलिज्म का घटना और बोरियल की वजह से पाचन तंत्र की परेशानियों में इजाफा हो सकता है. एक्सरसाइड में कमी करना, नींद कम लेना, तनाव रखना भी डाइजेस्टिव प्रॉसेस के लिए खतरनाक है.


उठाएं ऐसे कदम


हालांकि, ठंड के मौसम में पाचन को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक कदम उठाए जा सकते हैं. कई लेयर वाले कपड़े पहनकर गर्म रहने से न सिर्फ शरीर का तापमान बढ़ता है बल्कि मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है. इस दौरान को खुद का हाइड्रेट रखना जरूरी है, क्योंकि पेट में पानी की मौजूदगी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और डाइजेशन को बूस्ट करने में मदद करता है. विंटर्स में कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, मसालेदार खाने से परहेज करना, छोटे मील खाना और रेग्युलर एक्सरसाइज करना जरूरी है.



विंटर फ्रेंडली फूड और पेयर पर्दाथों के सेवन के जरिए हम सर्द मौसम को डाइजेशन के अनुकूल बना सकते हैं. फाइबर बेस्ड फूड्स, प्रोबायोटिक्स, मौसमी फल और विटामिन डी वाले भोजन को खाने से पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में योगदान मिल सकता है. अगर फिर भी पाचन से जुड़ी परेशानियां पैदा होती हैं, तो घरेलू उपचार राहत प्रदान कर सकते हैं. भोजन के बाद लेटने से बचना, सिंपल डाइड फॉलो करना और जरूरत पड़ने पर ओवर-द-काउंटर एसिड-रिड्यूसिंग दवाओं का उपयोग करना प्रैक्टिकल अप्रोच है.


डॉक्टर के पास कब जाएं?


हालांकि ये भी समझना जरूरी है है कि हमें कब मेडिकल एडवाइस की जरूरत होगी. लगातार पेट दर्द, गले में खराश या अनजाने में वजन कम होना जैसे लक्षण डॉक्टर के पास जाने का इशारा कर रहे हैं. पाचन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सर्दियों के असर को कम करने के लिए एक बेहतर अप्रोच की जरूरत पड़ती है. जिसमें सोच समझकर खाने, पानी पीने, फिजिकल एक्टिविटीज पर ध्यान देने से पेट की परेशानियों का खतरा घट जाएगा और आप सर्दियों का लुत्फ उठा पाएंगे.