ब्रेन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध में यह संकेत दिया गया है कि वायु प्रदूषण, विशेष रूप से कारों से निकलने वाले धुएं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) और अन्य न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर्स के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने यह बताया कि प्रदूषण के संपर्क में आने से विशेष रूप से गर्भावस्था और बचपन के शुरुआती वर्षों में न्यूरो डेवलपमेंट समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.


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यह अध्ययन इजराइल के हिब्रू विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था. शोध में पाया गया कि प्रदूषण के विभिन्न कण, जैसे फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO, NO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और ओजोन (O3), भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.


प्रदूषण का ब्रेन पर असर

न्यूरोइन्फ्लेमेशन
ऑक्सीडेटिव/नाइट्रोसिटिव तनाव स्ट्रेस
एपीजेनेटिक में बदलाव
न्यूरोट्रांसमीटर में गड़बड़ी



गर्भावस्था और बचपन में जोखिम

गर्भावस्था और प्रारंभिक बचपन में मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है, और इस दौरान प्रदूषण के संपर्क में आने से मस्तिष्क पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. न्यू जर्सी के हैकनसैक विश्वविद्यालय मेडिकल सेंटर के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जॉर्ज घसीबेह ने बताया गर्भधारण से लेकर 5 साल की उम्र तक मस्तिष्क में सबसे ज्यादा बदलाव होते हैं, और इस दौरान बाहरी कारकों का असर अधिक हो सकता है.


ऑटिज्म होने का मुख्य कारण

 2023 में इसी शोध टीम ने पाया था कि नाइट्रिक ऑक्साइड (NO), जो वायु प्रदूषण में पाया जाता है, ऑटिज्म का एक प्रमुख कारण है. अगर एक गर्भवती महिला या छोटा बच्चा प्रदूषण से संपर्क करता है, तो यह रासायनिक प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकता है या मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी ला सकता है. 
 
क्या है ऑटिज्म

ऑटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंटल विकार है जो ब्रेन के विकास को प्रभावित करता है. इसमें व्यक्ति की सामाजिक बातचीत, संवाद कौशल और व्यवहार में कठिनाई होती है. कुछ लोग हल्के लक्षणों के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं, जबकि दूसरों को अधिक सहायता की आवश्यकता होती है. यह विकार आमतौर पर बचपन में ही पहचान लिया जाता है, और इसके कारणों में जैविक और पर्यावरणीय कारक शामिल हो सकते हैं.