How to Disinfect and Clean Toilet Seat: हमारे घर का टॉयलेट बाथरूम के सबसे अहम जगहों में से एक है, और इसे साफ और सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. खासतौर से टॉयलेट सीट, क्योंकि यह गंदगी और कीटाणुओं का घर बन सकती है. बार-बार टॉयलेट सीट पर गंदगी जमना एक आम समस्या है, जिससे कई लोग परेशान रहते हैं. हालांकि सही तरीकों का इस्तेमाल करके इसे साफ और कीटाणुरहित किया जा सकता है. 


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क्यों होती है टॉयलेट सीट पर गंदगी?


टॉयलेट सीट पर गंदगी जमने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. अक्सर टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद अच्छी तरह से सफाई न करने के कारण बैक्टीरिया और फंगस जमा हो जाते हैं. इसके अलावा, पानी में मौजूद मिनरल्स और यूरिक एसिड के कण भी कमोड के किनारों और सीट पर सफेद या पीले दाग छोड़ देते हैं. हॉट और ह्यूमिड एनवायरनमेंट बैक्टीरिया की ग्रोथ के लिए परफेक्ट होता है, जो गंदगी को और भी ज्यादा बढ़ा देता है.


कमोड को डिसइंफेक्ट करने के आसान तरीके


टॉयलेट को नियमित रूप से साफ रखना बेहद जरूरी है ताकि वह बैक्टीरिया, वायरस और अन्य कीटाणुओं से फ्री रह सके. यहां कुछ आसान और असरदार तरीके बताए जा रहे हैं.


1. व्हाइट विनेगर और बेकिंग सोडा 


व्हाइट विनेगर और बेकिंग सोडा को मिलाकर टॉयलेट सीट और कमोड पर लगाएं. इसे कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ब्रश से साफ करें. विनेगर का एसिडिक नेचर बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है, जबकि बेकिंग सोडा दाग हटाने में सहायक होता है.


2. ब्लीच 


ब्लीच एक स्ट्रॉन्ग डिसइंफेक्टेंट है, जिसे कमोड की सफाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. थोड़ी मात्रा में ब्लीच को पानी में मिलाकर सीट और कमोड के अंदर डालें. 10-15 मिनट के बाद ब्रश से घिसकर साफ करें.


3. हाइड्रोजन पेरोक्साइड


हाइड्रोजन पेरोक्साइड को स्प्रे बोतल में डालकर टॉयलेट सीट और कमोड पर स्प्रे करें। यह एक बेहतरीन कीटाणुनाशक है और 99% कीटाणुओं को मारने में सक्षम होता है।


4. टॉयलेट क्लीनर


बाजार में मिलने वाले अलग-अलग तरह के टॉयलेट क्लीनर भी टॉयलेट सीट और कमोड को डिसइंफेक्ट करने में मददगार होते हैं. इनके इंस्ट्रक्शंस को देखकर इस्तेमाल करें और हर बार साफ करने के बाद पानी से अच्छी तरह धो लें.


5. नियमित सफाई करते रहें


टॉयलेट को साफ रखना न सिर्फ एक अच्छी आदत है बल्कि इससे परिवार को बीमारियों से बचाया जा सकता है.  रेगुलर क्लीनिंग और डिसइंफेक्शन से बैक्टीरिया और वायरस का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.