Happy New Year: नए साल में इन 3 बातों का रखना ख्याल, नहीं होंगे Depression के शिकार
New Year`s Resolutions: जब हम नए साल की तरफ बढ़ रहे हैं, तो इसके लिए जरूरी है कि पुरानी बुरी यादों को भूल जाएं और अपनी गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ें.
Take Care Of These 3 Things In The New Year: हम नए साल के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार हैं, न्यू ईयर हमें एक नए सिरे से शुरुआत करने की प्रेरणा देता है, अक्सर हम अपनी सोच की वजह से तनाव या डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. बेहतर होगा कि 2024 में उन चीजों को भुला दें जो आपको परेशान कर रही है. कहा जाता है कि 'चिंता चिता समान है'. इसलिए बेहतर है कि पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ें, वरना पछताने के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होगा.
डिप्रेशन एक बड़ी परेशानी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुबातिक डिप्रेशन एक कॉमन मेंटल डिसऑर्डर है, दुनियाभर के 5 फीसदी अडल्ट इसके शिकार हैं. ये वर्ल्डवाइड डिसेबलिटी की एक अहम वजह है. तनाव की वजह से शरीर को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है. आंकड़ों के अनुसार महिलाएं पुरुष के मुकाबले ज्यादा डिप्रेशन की शिकार है. ये कई बार खुदकुशी का भी कारण बनता है. इसलिए इससे बचना बेहद जरूरी है.
नए साल में रखें इन 3 बातों का ख्याल
ऑथर अनुभव अग्रवाल (Anubhav Agrawal) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि साल 2022 के कड़वी यादों को भुला देना चाहिए और नए साल में इन 3 बातों का रखना ख्याल रखना चाहिए.
1. बुरी यादों को भुलाएं
अनुभव अग्रवाल ने कहा, 'अपने पास्ट को पास्ट में ही छोड़ देना, न गड़े मुर्दे उखाड़ोगे, न जरूरत से ज्यादा सोचोगे'. अकसर हम पुरानी बातों को याद करके परेशान होते हैं और बेवजह डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. अब वक्त है आगे बढ़ने का जब आप कुछ बेहतर कर सकते हैं.
2. मिस्टेक के बारे में न सोचें
अनुभव ने आगे कहा, 'अपनी गलतियों के पछतावे को लेकर आगे नहीं चलोगे, या तो उसे सुधारोगे या तो मूव ऑन करोगे'. अपने मिस्टेक्स के बारे में बार-बार बार सोचकर कोई फायदा नहीं. गलतियों से हमें जरूर सीखना चाहिए और कोशिश करें कि उसे न दोहराएं.
3. खुद का सम्मान करें
अनुभव ने आखिर में कहा, ' अपनी वैल्यूज और सेल्फ रिस्पेक्ट को सबसे ऊपर रखोगे, किसी भी इंसान और किसी भी रिश्ते से ऊपर. इन 3 बातों का ध्यान रखना और नए साल की शुरुआत नए जोश, नए नजरिए और नएएटीट्यूड के साथ करना.' उनके कहने का मतलब है कि दूसरे का सम्मान जरूर करें, लेकिन आत्मसम्मान और सिद्धांतों से समझौता न करें.
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