हर साल अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाने वाला फ्रेंडशिप डे, आज के समय में एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है. दोस्तों के साथ प्यार और स्नेह शेयर करने का यह दिन लोगों के दिलों में खास जगह रखता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई?


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फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1958 में पैराग्वे से हुई थी. एक दार्शनिक और प्रोफेसर डॉ. रेमन आर्टेमियो ब्राचो ने अपने दोस्तों के साथ डिनर के दौरान दोस्ती के महत्व पर चर्चा की और एक ऐसे दिन की कल्पना की जिसमें दोस्ती का जश्न मनाया जाए. इस तरह फ्रेंडशिप डे की शुरुआत हुई. हालांकि, बाद में इस दिन की तारीख में बदलाव हुआ और इसे अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाने लगा. इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है कि हॉलमार्क कार्ड कंपनी ने इस दिन को बढ़ावा दिया था ताकि लोग दोस्तों को कार्ड भेज सकें. हॉलमार्क कार्ड्स के फाउंडर जॉयस हॉल ने दोस्ती को एक खास दिन देने की वकालत की थी. 


विनी द पूह
साल 1998 में संयुक्त राष्ट्र ने विनी द पूह को विश्व दोस्ती का दूत घोषित किया. इसके बाद से दोस्ती दिवस को और अधिक महत्व मिलने लगा. साल 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय दोस्ती दिवस घोषित किया. हालांकि भारत में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है, लेकिन इस उत्सव से कोई विशेष इतिहास नहीं जुड़ा है.


हमारे जीवन में दोस्तों का महत्व
दोस्ती दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच दोस्ती, सहयोग और एकता को बढ़ावा देना है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन में दोस्तों का कितना महत्व है. आज के समय में सोशल मीडिया ने दोस्ती दिवस को और भी खास बना दिया है. लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर एक-दूसरे को बधाई देने के लिए पोस्ट, स्टोरी और मैसेज शेयर करते हैं. दोस्ती दिवस का इतिहास हमें बताता है कि यह दिन कितना महत्वपूर्ण है और हमें अपने दोस्तों को कितना महत्व देना चाहिए.