How to Clean Air at Home: दिवाली आने वाली है और दिवाली पर सबसे बड़ा डर जो है वो है पॉल्यूशन. पिछले कई साल का रिकॉर्ड देखें तो दिवाली के आसपास पॉल्यूशन का लेवल बहुत बढ़ जाता है. इससे कई तरह की बीमारियां और दिक्कतें आती हैं. दिनभर कोहरा जैसा छाया रहता है. इसी समस्या को कुछ हद तक हल करने के लिए हम आज आपको इसके बारे में कुछ जानकारियां देने जा रहे हैं जोकि एक एक्सपर्ट से बातचीत पर आधारित है. 


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हम फिर से ऐसे समय में हैं जब प्रदूषण चर्चा में है लेकिन जल्द ही यह और भी खराब हो सकता है.


भारत में वायु प्रदूषण का लेवल दुनिया में सबसे ज्यादा है, भारत के करीब 1.4 बिलियन लोग अलग अलग टाइप के पीएम 2.5 के अनहेल्दी लेवल के कॉन्टेक्ट में हैं, जैसे कि व्हीकल्स का, बिजली उत्पादन समेत हैवी इंडस्ट्री, गाड़ियों के चलने और कंस्ट्रक्ट्रशन से सड़कों पर धूल का जमना. इनडोर एयर क्वालिटी, आउटडोर एयर क्वालिटी से ज्यादा प्रभावित होती है और इसे एक दूसरे से अलग नहीं माना जा सकता है. जैसे-जैसे हमारे घर और वर्क प्लेस तेजी से सील होते जा रहे हैं, ऐसा लग सकता है कि हम प्रदूषण को खत्म कर रहे हैं.


क्या घर के अंदर की हवा बाहर की हवा से ज्यादा सुरक्षित है?


एक रिसर्च से पता चलता है कि हम वास्तव में पॉल्यूशन को अंदर बंद कर रहे हैं. औसत घर बाहर की हवा की तुलना में 7 गुणा तक ज्यादा प्रदूषित हो सकता है. कई लोग अपना ज्यादातर समय घर के अंदर बिताते हैं, जिससे खाना पकाने और सफाई जैसी दिन-प्रतिदिन की एक्टिविटी से प्रदूषण हो सकता है.


डेली लाइफ स्टाइल में क्लीनिंग सॉल्वैंट्स, डिओडोरेंट्स और मोमबत्तियों का इस्तेमाल वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (वीओसी), एक आम इनडोर वायु प्रदूषक छोड़ता है. दूसरे प्रमुख इनडोर एयर पोल्यूटेंट में खाना पकाने और सेंट्रल हीटिंग, मोल्ड, एलर्जी और पालतू जानवरों की रूसी, या बड़े पैमाने पर फर्नीचर से फार्मल्डिहाइड से गैसें आदि शामिल हो सकती हैं.


आप भविष्य में एयर प्यूरीफायर में इनोवेशन को कहां देखते हैं?


वायु प्रदूषण एक ग्लोबल समस्या है - हम जहां भी जाते हैं यह हमें प्रभावित करता है. जैसे-जैसे दुनिया की शहरी आबादी बढ़ती जा रही है, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाईजेशन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि वर्ल्ड लेवल पर 10 में से 9 लोग ऐसी हवा में सांस लेते हैं जो डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश प्रदूषक सीमा से ज्यादा है.


मन की शांति सुनिश्चित करने के लिए एक हेल्दी इनडोर एनवायरमेंट बनाना जरूरी है, फिर भी कई प्रदूषक जो हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं वे दिखाई नहीं दे रहे हैं और पहचान से बच रहे हैं. उदाहरण के लिए, फार्मल्डिहाइड एक कलरलैस गैस प्रदूषक है, जो फर्नीचर और लकड़ी के प्रॉडक्ट से पैदा होता है जिसमें प्लाईवुड और फाइबरबोर्ड जैसे फार्मल्डिहाइड-बेस पैदा होते हैं. यदि पता नहीं चला तो वायुजनित रसायनों के निरंतर रिलीज के कारण लंबे समय तक जोखिम हो सकता है, जिसे ऑफ-गैसिंग कहा जाता है.


डायसन के नए प्यूरिफायर में से एक - डायसन प्यूरिफायर कूल फार्मल्डिहाइड का लगातार पता लगाता है और उन्हें खत्म करता है. यह एक खास फिल्टर के साथ एक सटीक सॉलिड-स्टेट फार्मल्डिहाइड सेंसर के साथ हो जो फार्मल्डिहाइड को लगातार खत्म करता रहता है. HEPA H13 और एक्टिव कार्बन फिल्टर धूल, एलर्जी, गैसों और अन्य अल्ट्राफाइन पोल्यूटेंट को भी पकड़ लेते हैं. डायसन प्यूरिफायर में पूरे कमरे को क्लीन करने के लिए पावरफुल एयर मल्टीप्ली टेक्नोलॉजी है.


इसके अलावा, एयर क्वालिटी के लिए हमारे जुनून ने डायसन जोन के डिवेलपमेंट की हाल ही में घोषणा की है, जो हमारा पहला वीयरेबल रिसर्च है जो हाई क्वालिटी ऑडियो के साथ प्यूरिफिकेशन को जोड़ता है. यह गैस, एलर्जी और पार्टिकुलेट मैटर समेत सिटी के पॉल्यूशन को कैच करता है और आपके लिए हवा को क्लीन करता है. फेस मास्क से अलग यह आपके फेस को टच किए बिना हाई परफॉर्मेंस वाले फिल्टर और दो छोटे एयर पंप का इस्तेमाल करके क्लीन एयर देता है. 6 साल के डिवेलपमेंट के बाद हम कहीं भी प्योर एयर और प्योर ऑडियो देने के लिए उत्साहित हैं.


दिल्ली में इस समय कौन से पोल्यूटेंट चिंता का मुख्य कारण हैं? एक स्मार्ट एयर प्यूरिफायर कैसे उन प्रदूषकों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है?


हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (एचईआई) स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर इनिशिएटिव की नई रिपोर्ट, वायु प्रदूषण और शहरों में स्वास्थ्य के मुताबिक, औसत वार्षिक जनसंख्या पीएम 2.5 एक्सपोजर के मामले में दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर की लिस्ट में टॉप पर है. इसके अलावा, वायु प्रदूषण की समस्या पड़ोसी राज्यों में होने वाली पराली जलाने की शुरुआत के साथ बढ़ने लगती है, जो दिवाली के दौरान चरम पर होती है और सर्दियों की शुरुआत तक हाई लेवल पर रहती है. हालांकि, मौसम के बावजूद घर के अंदर वायु प्रदूषण हम सभी के लिए एक विचार होना चाहिए, क्योंकि हम खाना पकाने और सफाई जैसी डेली एक्टिविटी के माध्यम से अपने घरों को लगातार प्रदूषित करते हैं.


इसलिए, एक एयर प्यूरिफायर अब क्लीन एयर के लिए घर में एक इनवेस्टमेंट है. वे न केवल आपके लिए सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा बनाते हैं, बल्कि वे घर पर आपकी लाइफ क्वालिटी में भी सुधार करते हैं, खासकर उस जेनरेशन के लिए जो अपना ज्यादातर समय घर के अंदर बिता रही है. 


हालांकि, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप जिस प्यूरिफायर में इनवेस्ट कर रहे हैं वह वास्तव में काम कर रहा है. इसे पॉल्यूशन का आभास होना चाहिए, इसे पूरी तरह से सील किए गए HEPA फिल्टर में ठीक से पकड़ना चाहिए और कमरे में चारों ओर क्लीन हवा देनी चाहिए. 


डायसन प्यूरिफायर रीयल टाइम में चार अलग-अलग पोल्यूटेंट्स को डिस्पले करते हैं - PM2.5, PM10, VOCs, NO 2. तीन इंटेलिजेंट सेंसर अपने आप हवाई कणों और गैसों का पता लगाते हैं, फिर उनको खत्म करते हैं और रीयल टाइम में उनकी रिपोर्ट करते हैं.


वे एक नहीं, बल्कि तीन अलग-अलग टाइप के फिल्टर का भी उपयोग कर सकते हैं. डायसन प्यूरिफायर कूल फार्मल्डिहाइड में, HEPA+ कार्बन फिल्टर गैसों और PM 0.1 जितने छोटे 99.95 फीसदी तक कणों को कैप्चर कर लेते हैं.


एक्टिव कार्बन लेयर बेंजीन और NO2 समेत गंधों और गैसों को एब्जॉर्ब करती है. इसका कैटेलिटिक फिल्टर फार्मल्डिहाइड अणुओं को पानी और CO2 में लगातार फंसाता है और खत्म करता है. प्यूरिफायर एयर मल्टिप्लायर टेक्नोलॉजी और 350 डिग्री ऑसिलेशन के साथ आते हैं जो उन्हें पूरे कमरे के चारों ओर क्लीन एयर देते हैं.


घर के अंदर की हवा को क्लीन रखने के टिप्स


क्लीनिंग प्रॉडक्टस का इस्तेमाल करें: हमारे घरों में पाए जाने वाले कुछ वीओसी रसोई की सतहों, बाथरूम और खिड़कियों पर हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले क्लीनिंग प्रॉडक्ट्स में रसायनों से आ सकते हैं. प्राकृतिक सफाई उत्पादों का उपयोग करने से आपके इनडोर वायु में वीओसी की संख्या कम करने में मदद मिल सकती है.


वेक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें: घर में सफाई के लिए वेक्यूम क्लीनर का लगातार इस्तेमाल करें. वेक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करने से धूल नहीं उड़ती है जिससे कि हवा क्लीन रहने की संभावना ज्यादा रहती है. 


'ताज़ी हवा' में आने पर सावधान रहें: यदि आप व्यस्त सड़क या ट्रेन लाइन के बगल में रहते हैं, तो खिड़की खोलने से बाहरी प्रदूषण, NO2 और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें आपके घर में आ सकती हैं.


खाना पकाते वक्त वेंटिलेशन रखें: तेल के साथ फ्राइ करने से पार्टिकुलेट पॉल्यूशन हो सकता है और गैस स्टोव का उपयोग करने से NO2 जैसे गैसीय प्रदूषक भी बन सकते हैं. खाना बनाते समय, उपयुक्त वेंटिलेशन, या एक प्यूरिफायर का उपयोग करना सुनिश्चित करें.


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