How To Get Rid Of Motion Sickness: आपने अक्सर महसूस किया होगा कि सफर के दौरान आपको चक्कर आना, पसीना, उल्टी और जी मिचलाने की शिकायत होती है. इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप कार, प्लेन, ट्रेन या क्रूज में ट्रैवल कर रहे हों, लेकिन मूवमेंट के दौरान आप परेशान होने लगते हैं. इसे मोशन सिकनेस कहा जाता है. आपने अक्सर देखा होगा कि फ्लाइट या एसी बसों में सिकनेस बैग सीट के आगे रखा होता है ताकि आप इसमें उल्टी कर सकें. ये काफी आम परेशानी है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं, भारत में रेल यात्रा करने वालों को अक्सर ऐसी दिक्कतें होती हैं, लेकिन अगर कुछ गलतियों से बचेंगे तो शायद मोशल सिकनेस का सामना नहीं करना पड़ेगा.


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मोशन सिकनेस से बचने के लिए ये गलतियां न करें


1. डॉक्टर के पास जाने से परहेज
अगर आपको ट्रेन में बार-बार मोशन सिकनेस की शिकायत हो रही है, लेकिन फिर भी डॉक्टर के पास नहीं जा रहे हैं तो एक बड़ी गलती साबित हो सकती है. बेहद मुमकिन है कि कोई मेडिकल कंडीशन इसके पीछे जिम्मेदार हो जो जांच के बाद ही पता लग पाए. अक्सर पेट की गड़बड़ियों की वजह से भी ऐसा होता है, इसलिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयां खाएं


2. दिमाग पर काबू न रखना
वैज्ञानिकों का मानना है कि मोशन सिकनेस तब होती है जब आपकी आंखें जो मूवमेंट आपके इनर ईयर सेंस के मूवमेंट से अलग होती है. अगर आप हाई स्पीड ट्रेन में बैठे हैं तो दिमाग को उसी तरह कंट्रोल करें.


3. वाहन की दिशा में न बैठना
अगर आप किसी ट्रेन में बैठे हैं तो उसी तरफ मुंह करें जिस तरफ रेलगाड़ी जा रही है. ऐसी सीट पर बिलकुल न बैठें जिसका डायरेक्शन गाड़ी के मूवमेंट से अलग हो. कुछ लोग महसूस करते हैं कि विंडों सीट पर न बैठने से मोशन सिकनेस की शिकायत कम होती है.


4. आंखों को हॉरिजॉन्टल पोजीशन में रखें
अगर आपको मोशन सिकनेस हो रहा है तो आंखों को हॉरिजॉन्टल पोजीशन में रखना एक बेहतरीन उपाय हो सकता है, ये माइंड को कंट्रोल करने का तरीका है. अगर आपको ट्रेन लेटने की जरूरत महसूस हो तो आंखें खुली न रखें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)