How to Warm the Quilt: सर्दी आते ही तो बस सबसे आसान तरीका लगता है कि ज्यादा कपड़े पहनों और काम करो. जैसे जैसे सर्दी बढ़ती जाती है वैसे ही कपड़ों की संख्या भी बढ़ती जाती है. क्योंकि अगर आपको खुले में काम करना है तो फिर इसका कोई और विकल्प नहीं मिलता है. लेकिन जब घर के अंदर की बात आती है तो फिर कई विकल्प मौजूद होते हैं. लेकिन जब तक हम जगे हैं तो तब तक तो ठीक है कि ज्यादा कपड़े पहन सकते हैं लेकिन सोते वक्त ठंड न लगे इसका भी कोई जुगाड़ होना चाहिए.


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अगर आप बेड पर लेटते हैं और रजाई लेते हैं तो वह एकदम ठंडी होती है. अब ठंड़ी रजाई में लेटने का मतलब है कि ठंड में सिकुड़ जाना. अब इस ठंड का कोई तो उपाय करना होगा. तो रजाई गर्म करने का आसान तरीका होता है कि जब आप बेड पर लेटें तो रजाई को पूरे बेड पर फैलाने के बजाय खुद को रजाई में लपेट लें. क्योंकि अगर आप रजाई को पूरे बेड पर फैलाकर रखेंगे तो फिर रजाई या कंबल गर्म नहीं हो पाएगा. 


रात में सोते वक्त रजाई के अंदर जो गर्मी बनती है वह आपकी बॉडी की हीट से ही बनती है. इसलिए अगर आप रजाई या कंबल को ज्यादा फैला कर ओढ़ेंगे तो अंदर गैप ज्यादा रहेगा और बॉडी से निकलने वाली हीट उस पूरे गैप को सही से गर्म नहीं कर पाएगी. इसलिए सोते वक्त रजाई को पूरी तरह से लपेट कर सोना है, ऐसा करने से उसके अंदर गर्मी सुबह तक बरकरार रहेगी.


इसका भी पड़ता है फर्क
अगर आप डबल बेड पर अकेले सो रहे हैं तो आपको ठंड लगने उम्मीद ज्यादा है. इससे बचने का सबसे सरल उपाय है कि आप अपने बगल बची खाली जगह को तकियों से भर दें ताकि गर्माहट बनी रहे. जब आप मुंह ढ़क लेते हैं तो अंदर तेजी से गर्मी पैदा होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, वह रजाई के अंदर ही रह जाती है. जिसकी वजह से वहां हीट बनी रहती है. दूसरी बड़ी वजह यह है कि अगर रजाई कहीं से खुली नहीं रहेगी तो बाहर की ठंडी हवा अंदर नहीं आएगी इस वजह से भी रजाई गर्म रहेगी.


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