नींद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितनी जरूरी है, इसे अक्सर अनदेखा किया जाता है. साइकोलॉजिस्ट और एजुकेटर डॉ. प्रिया भटनागर ने इस गंभीर विषय पर जागरूकता फैलाने की जरूरत बताई है. उन्होंने बताया कि जिस तरह एक गैजेट को रिचार्जिंग की जरूरत होती है, उसी तरह दिमाग को भी तरोताजा होने के लिए पर्याप्त नींद चाहिए.


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डॉ. भटनागर ने बताया कि नींद की कमी के कारण व्यक्ति की मानसिक सेहत पर कई गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं. पर्याप्त नींद न लेने से गुस्सा, चिड़चिड़ापन और कॉग्निटिव फंक्शन्स में गिरावट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, याददाश्त कमजोर होना और कामों में गलतियां होना आम है.


इमोशनल स्थिति पर भी इसका गहरा असर होता है. डॉ. भटनागर ने कहा कि नींद हमारे इमोशन को ठीक करने का समय देती है. जब नींद पूरी नहीं होती, तो तनावपूर्ण स्थितियों में हमारी नेगेटिव प्रतिक्रियाएं बढ़ जाती हैं. इसके परिणामस्वरूप, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसे मेंटल डिसऑर्डर का खतरा बढ़ जाता है.


नींद न आने के कारण और समाधान
नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे तनाव, अनियमित दिनचर्या या शारीरिक समस्याएं. डॉ. भटनागर ने बताया कि नींद की कमी के मामले में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद लेना जरूरी हो जाता है. उन्होंने सुझाव दिया कि हर व्यक्ति की नींद की आवश्यकता अलग होती है. कोई व्यक्ति 6 घंटे में तरोताजा महसूस कर सकता है, तो किसी को 8 घंटे की जरूरत हो सकती है. खासतौर पर बच्चों और किशोरों को वयस्कों की तुलना में अधिक नींद की आवश्यकता होती है.


पॉजिटिव लाइफस्टाइल अपनाएं
अच्छी नींद के लिए समय पर सोने, स्क्रीन टाइम कम करने और दिनचर्या में फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करने की सलाह दी गई. यदि समस्याएं बनी रहें, तो डॉक्टरों से सलाह करना चाहिए. याद रखें, पर्याप्त नींद न केवल आपकी शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी जरूरी है. इसे प्रायोरिटी दें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं.