आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक शांति और संतुलन पाना मुश्किल हो गया है। तनाव, चिंता, और नकारात्मक भावनाएं हमें लगातार परेशान करती रहती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करके आप इन समस्याओं को कंट्रोल कर सकते हैं? 


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गुरुदेव श्री श्री रविशंकर की मानें तो हमारी सांसें और भावनाएं गहरे रूप से जुड़ी हुई हैं. हर भावना के साथ हमारी सांसों की लय बदलती है. अगर हम अपनी सांसों की लय को समझने लगें, तो हम न केवल अपने मानसिक स्थिति को संतुलित कर सकते हैं, बल्कि अपने गुस्से, जलन और लोभ जैसी नकारात्मक भावनाओं पर भी नियंत्रण पा सकते हैं. 


नाड़ी शोधन प्राणायाम से बदले मेंटल हेल्थ

नाड़ी शोधन प्राणायाम एक ब्रीदिंग एक्सरसाइज है. यह दिमाग को शांत और संतुलित करने का एक प्रभावी तरीका है. यह टेक्निक मस्तिष्क के बाएं और दाएं हिस्सों को संतुलित करती है, जो हमारे लॉजिक और इमोशनल पहलुओं से जुड़े होते हैं. यदि आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं या मानसिक संतुलन खो रहे हैं, तो नाड़ी शोधन प्राणायाम एक उत्तम उपाय हो सकता है.


अभ्यास का सही तरीका

नाड़ी शोधन प्राणायाम करने के लिए एक आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं. अब दाएं हाथ के अंगूठे को दाईं नासिका पर और बाईं नासिका पर दो उंगलियों को रखकर, सांस को नियंत्रित किया जाता है. यह प्रोसेस सांसों को गहरी और कंट्रोल करने में मदद करती है.

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गहरी सांस लेने मिलते हैं ये फायदे भी-

- गहरी सांस से ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे कंफ्यूजन कम होता है और फोकस बढ़ता है.  

- गहरी सांसों से शरीर को आराम मिलता है, जो नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है. इससे अनिद्रा में भी मदद मिलती है. 


- डीप ब्रीदिंग हार्ट बीट्स को कंट्रोल करती हैं, जिससे दिल की सेहत में सुधार होता है. 


- ब्रीदिंग एक्सरसाइज से शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे मानसिक और भावनात्मक स्थिति संतुलित रहती है.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.