परवरिश: बच्चे को कैसे कराएं सही और गलत की पहचान
टीनेज में बच्चे का व्यवहार बदलने लगता है. आज-कल कोरोनावायरस (Corona Virus) की वजह से महीनों से घर में कैद बच्चे ज्यादा चिड़चिड़े व गुस्सैल होते जा रहे हैं. ऐसे में बच्चों को बड़ों का आदर करना सिखाना बड़ी चुनौती है.
नई दिल्ली: सात साल का रोहन अपने माता-पिता का दुलारा है. अब जैसे-जैसे वह बड़ा होता जा रहा है, उसका व्यवहार बदलता जा रहा है. अब वह मम्मी-पापा की बात कम ही सुनता है. अगर बात न मानने के लिए उसे डांटा जाए तो वह और जिद पर अड़ जाता है और रोना-चिल्लाना शुरू कर देता है. ऐसे में उसके माता-पिता समझ नहीं पा रहे कि बढ़ते बच्चे को कैसे समझाया जाए और कैसे उसे सही दिशा की ओर अग्रसर किया जाए.
जरूरी है आदर भाव सिखाना
रोहन की तरह अपने माता-पिता व बड़ों की बातों को गंभीरता से न लेना, उनकी बातों को अनसुना कर देना, उन्हें आदर न देना वाकई परेशान होने की बात है. बच्चे का यही व्यवहार टीनेज (Teenage) में ज्यादा बढ़ सकता है और आज-कल कोरोनावायरस (Corona Virus) की वजह से महीनों से घर में कैद बच्चे ज्यादा चिड़चिड़े व गुस्सैल होते जा रहे हैं. ऐसे में बच्चों को बड़ों का आदर करना कैसे सिखाया जाए, बता रही हैं पुनर्वास साइकोलॉजिस्ट (Psychologist) डॉ. अर्चना.
1. बच्चों को भरपूर समय दें व उनके दोस्त बनें
अपने बच्चे को भरपूर समय दें. तभी आपको पता चलेगा कि बच्चा किस ओर जा रहा है और क्या सीख रहा है. साथ ही अच्छा समय व्यतीत करने से आप बच्चे के और करीब हो जाएंगे. उससे दोस्ती कीजिए, हर समय बड़े न बने रहिए. उसके मन की बात जानने की कोशिश कीजिए. उसके साथ टीवी देखें, उसके साथ खेलें, पेंटिंग आदि करें.
2. बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार काम करने दें
इस समय बच्चे की मानसिकता समझिए और उसे प्यार से समझाइए. उसे उसकी रुचि के अनुसार काम करने दीजिए. बच्चे की जगह खुद को रखकर देखिए. इस बढ़ती उम्र में वह अपने स्वतंत्र अस्तित्व की भावना रखता है. वह अपनी इच्छा से काम करना चाहता है. उसको ज्यादा रोकें-टोकें नहीं.
3. बच्चे की संगति का ध्यान रखें
संगति का बच्चे पर बहुत जल्दी असर होता है. बच्चा अपने साथ रहने वाले लोगों से बहुत कुछ सीखता है. उसके दोस्त कैसे हैं, इसका ख्याल रखें. इसलिए उसके स्कूल के और अन्य दोस्तों के बारे में पता लगाएं.
4. बच्चे को शुरू से ही अच्छे व्यवहार की सीख दें
बच्चे में शुरू से ही ऐसी आदत डालें कि वह गलत तरीके से बात करना जानता ही न हो. प्यार से बात करने की आदत डालें, बड़ों से पलटकर जवाब न देने की बात भी सिखाएं.
5. घर के सदस्य एक-दूसरे से आदर से बात करें
घर के सभी सदस्य एक-दूसरे को सम्मान दें, आपस में बात करते हुए आदर व सम्मान की भावना बरकरार रखें. ऐसा करने पर बच्चा भी आपसे अच्छी सीख लेगा.
6. घर के बुजुर्ग सदस्यों से मदद लें
अगर घर में बुजुर्ग हैं तो उनसे बच्चे को अच्छी बातें सिखाने में मदद लें. बच्चे दादा-दादी और नाना-नानी आदि की बातें जल्दी मान लेते हैं.
7. स्टोरीटेलिंग के जरिए बच्चे को सीख दें
बच्चा किसी उदाहरण या स्टोरी आदि से बहुत जल्दी सीख लेता है इसलिए उसे कोई प्रेरक कहानी सुनाकर अपनी बात समझाएं.
8. अपनी उम्मीदों पर नियंत्रण रखें
बच्चे को हर समय, हर गतिविधि में अव्वल रहने के लिए प्रेशर न डालें. हर बच्चे की अपनी-अपनी खूबी होती है. ऐसे में अपने बच्चे के टैलेंट को उभारने का काम करें. अपनी उम्मीदों को उस पर हावी न होने दें.
9. बच्चे के अच्छे व्यवहार की तारीफ करें
बच्चा किसी से आदर से बात करता है या कोई और अच्छा काम करता है तो उसकी तारीफ जरूर करें. इससे वह आगे भी अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित होगा. साथ ही उसे बताएं कि वह दूसरों से अपने लिए जिस व्यवहार की उम्मीद करता है, वैसा ही खुद भी सबके साथ करे.
10. प्यार से गलती का एहसास कराएं
अगर बच्चा कोई गलती करता है तो उसे प्यार से उसकी गलती का एहसास कराएं. बार-बार डांटने से वह ज्यादा चिढ़ जाएगा और आपकी बात नहीं मानेगा. साथ ही आगे से गलती न दोहराने की बात भी समझाएं.
11. गुस्से और झुंझलाहट से काम न लें
बच्चे में अगर कोई खराब आदत है तो उसे धीरे-धीरे बदलने की कोशिश करें. एकदम से किसी को बदला नहीं जा सकता है. गुस्से और झुंझलाहट से काम न लें. आप खुद भी नम्र स्वभाव के होंगे, तभी बच्चा भी आपको देखकर अच्छे व्यवहार की प्रेरणा लेगा.
12. बच्चे के सामने किसी के लिए बुरा न बोलें
हमेशा ध्यान रहे कि बच्चों के सामने दूसरों के लिए बुरा न बोलें. अच्छे व्यवहार की असली शिक्षा उसे आपसे ही मिलती है. आप किसी के लिए गलत बोलेंगे तो वह उन शब्दों का प्रयोग आपके लिए भी कर सकता है.
13. बच्चे की किसी से बराबरी न करें
अपने बच्चे की किसी से तुलना न करें. ऐसा करने से बच्चा चिढ़ कर आपसे बुरा व्यवहार कर सकता है. उसकी खूबियों की तारीफ करें. इससे आपके प्रति उसका नजरिया सकारात्मक होगा. वह आपसे कभी बुरा व्यवहार नहीं करेगा और आपकी हर बात प्यार से मानेगा.
14. हर जिद न मानें
बच्चा अपनी बात मनवाने के लिए गलत तरीके से बात कर सकता है. इसलिए उसकी हर जिद पूरी न करें. उसे समझाएं कि आप उसकी बेकार की जिद को पूरा नहीं कर सकते. इसके लिए शुरुआत में आपको थोड़ी सख्ती भी बरतनी पड़ सकती है.
15. गलत-सही की पहचान कराएं
बच्चे को सही व गलत व्यवहार की पहचान कराएं. यही वह समय है, जब वह सही व गलत बात की पहचान करना शुरू करता है.
इन सब बातों का ख्याल रखते हुए बच्चे को प्यार से समझाएं. धीरे-धीरे वह आपकी सभी बातें मानने लगेगा.
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