पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस होता है. आज के समय में भी पीरियड्स को लेकर कई मिथक मौजूद हैं, जिसे आज भी कई महिलाएं फॉलो कर रही हैं. पीरियड्स के दौरान महिलाएं मूड स्विंग्स, कमर में दर्द और पेट दर्द की समस्या का सामना करती हैं. जिस वजह से शरीर को आराम की जरूरत होती है. इस वजह से पीरियड्स के दिनों में महिलाओं से काम नहीं करवाए जाते थे लेकिन धीरे-धीरे ये आराम नियम में बदले फिर इन नियम ने भेदभाव का रूप ले लिया. आज भी महिलाएं पीरियड्स के दौरान कई नियम का पालन करती हैं. इन्हीं नियम में से एक नियम है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अचार नहीं छूना चाहिए. माना जाता है कि इस दौरान अचार छूने से वह खराब हो जाता है. आइए जानते हैं पीरियड्स से जुड़े इस मिथ के बारे में. 


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क्या सच में अचार छूने से होता है खराब ?
अक्सर दादी-नानी को बोलते हुए सुना होगा कि पीरियड्स के दौरान अचार छूने से अचार खराब हो जाता है. लेकिन क्या यह सच है? बता दें कि यह केवल और केवल एक मिथ है. पीरियड्स के दौरान अचार छूने से वह खराब नहीं होता है. जरा सोचिए अचार को कैसे पता होगा कि जिस महिला ने उसे छूआ है वह पीरियड्स से है या नहीं. यह केवल एक मिथक है. दरअसल गंदे हाथ से अचार छूने से खराब होता है. 


कहां से आया ये मिथ 
पहले के समय में अधिकतर महिलाएं पीरियड्स पैड्स की जगह पुराने कपड़े का इस्तेमाल करती थी, जो कि ना तो साफ होता था और ना ही स्वच्छ होता था. वहीं आज के समय में लोग सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करते हैं जो कि कपड़े के मुकाबले साफ और स्वस्थ माना जाता है. पहले के समय में कपड़े का इस्तेमाल करने की वजह से महिलाएं साफ-सफाई पर कम ध्यान देती थी ऐसे में कई बार महिलाएं गंदे हाथ से ही अचार छू लेती थी. जिस वजह से अचार खराब हो जाता था. अचार के खराब होने का संबंध केवल और केवल साफ-सफाई से है. लेकिन समय के साथ समाज में यह धारणा या नियम बन गया कि पीरियड्स के दौरान अचार नहीं छूना चाहिए जिसे आज भी कुछ महिलाएं फॉलो करती हैं. 


पीरियड्स के दौरान इन बातों का रखें ध्यान 
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपनी साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए. पीरियड्स के दौरान शरीर से गंदा खून निकलता है जिस वजह से वेजाइन इंफेक्शन हो सकता है. पीरियड्स के दौरान 4 से 5 घंटे में पैड बदलना चाहिए. 1 ही पैड को समय तक इस्तेमाल करने से इंफेक्शन हो सकता है. 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.