Personal Hygiene के लिए Toilet Paper से बेहतर है भारतीय तरीका, Study में खुलासा
नई दिल्ली: `स्वच्छ भारत मिशन` (Swachh Bharat Mission), और `जहां सोच वहां शौचालय` (Jahan Soch Wahan Shauchalay) जैसे अभियानों के तहत व्यक्तिगत स्वच्छता यानी पर्सनल हाईजीन (Personal Hygiene) को बढ़ावा दिया गया. पीएम मोदी की मुहिम का लक्ष्य था कि सफाई जनआंदोलन बने और लोग गंदगी की वजह से बीमार न पड़ें. गंदगी कम होगी तो बीमारियां कम होंगी और बीमारियां कम होंगी तो उन पर खर्च भी कम होगा. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठ सकता है कि शौचालय में टॉयलेट पेपर (Toilet Paper) का इस्तेमाल सही है या पानी का? आइये समझते हैं कि दोनों में कौन बेहतर है.
सफाई के लिए पानी ही बेहतर विकल्प
टॉयलेट जाना दिनचर्या का अहम हिस्सा है. ये व्यक्तिगत स्वच्छता यानि पर्सनल हाइजीन से भी जुड़ा है. ऐसे में शौच के बाद टॉयलेट पेपर के इस्तेमाल या पानी का विकल्प दोनों में कौन बेहतर है इसे लेकर लोगों के अपने-अपने तर्क हो सकते हैं. लेकिन एक रिसर्च बताती है कि इस मामले में हम भारतीयों का नजरिया ज्यादा बेहतर है. यानि शौच के बाद टॉयलेट पेपर की बजाय सफाई के लिए पानी ही बेहतर विकल्प है.
टॉयलेट पेपर से बीमारियों का खतरा
एक्सपर्ट्स का मानना है कि टॉयलेट पेपर (Toilet Paper) से पूरी सफाई नहीं होती. वहीं, डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इसके ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा में संक्रमण, एनल फिशर (प्राइवेट पार्ट में इचिंग और जलन की समस्या) या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. वहीं Toilet Paper कई तरह से आपको नुकसान पहुंचा सकता है. इसके ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा फटने की समस्या भी हो सकती है, जिसे ठीक होने में कई महीनों तक का भी वक्त लग सकता है. यही नहीं ज्यादा इस्तेमाल से बवासीर (Piles) भी हो सकता है.
इस किताब से सामने आई ये थ्योरी
इस विषय पर एक किताब भी लिखी गई थी. बिग नेसेसिटी: द अनमेंसनेबल वर्ल्ड ऑफ ह्यूमन वेस्ट एंड व्हाइ इट मैटर्स (Big Necessity: The Unmentionable World of Human Waste and Why It Matters) नाम से प्रकाशित बुक की लेखिका ऑथर रोज जॉर्ज का टॉयलेट पेपर इस्तेमाल करने के बारे में कहना है, 'मुझे ऐसा लगता है जैसे लाखों लोग अपने शरीर पर गंदगी लेकर घूम रहे हैं, जबकि उन्हें लगता है कि वो साफ हैं.'
टॉयलेट पेपर का विकल्प क्या है?
हालांकि हम पहले ही बता चुके हैं कि रिसर्च में पानी (Water) से सफाई को ही सबसे बेहतर विकल्प बताया गया है, लेकिन कुछ लोग टॉयलेट पेपर का विकल्प कुछ और भी तलाश रहे हैं. जॉर्ज और कई अन्य सेलेब्रिटीज को गीले पेपर (Wet Wipes) के रूप में इसका विकल्प मिला है. कई लोग तो नित्य कर्म से निपटने के बाद सफाई के लिए बेबी वाइप्स के इस्तेमाल को भी अच्छा विकल्प बता रहे हैं.
आधुनिक जीवनशैली और टॉयलेट पेपर
हम लोग तेजी से पश्चिम देशों की जीवन शैली को अपना रहे हैं. लेकिन ये ध्यान रखना होगा कि हम खुद पर एक फिल्टर लगाएं. वहां से जो अच्छी चीजें आ रही हैं उन्हें न रोका जाए, लेकिन जो चीजें हमें नुकसान पहुंचा सकती हैं उनके इस्तेमाल से बचा जाए. वहीं घरों और दफ्तरों में जहां तक हो सके नित्य कर्म के बाद व्यक्तिगत सफाई के लिए पानी का इस्तेमाल हो. यही नहीं बाद में अच्छे हैंडवाश से हाथ भी साफ करने चाहिए.
किन देशों में शौच की कैसी आदतें?
ब्रिटेन (Britain), अमेरिका (US) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) में लोग टॉयलेट के इस्तेमाल के दौरान सफाई के लिए आमतौर पर टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं. जबकि जापान, इटली, और ग्रीस जैसे कई देशों में शौच के बाद सफाई के लिए प्रेशर शावर यानि पानी का इस्तेमाल आम है.