32 साल की पूनम पांडे ने खुद की मरने की फर्जी खबर फैलाकर विवादों में घिर चुकी हैं. शुक्रवार को पूनम पांडे ने सोशल मीडिया पर अपनी मौत की खबर दी. उनकी टीम के हवाले से बताया गया कि 'लॉकअप' कंटेस्टेंट इस दुनिया में नहीं रहीं. उनकी सर्वाइकल कैंसर से मौत हो गई. ये खबरें आग की तरह फैल गईं. आम लोगों के साथ-साथ सेलिब्रेटिज ने भी दुख जताया. मगर 24 घंटे बाद पूनम पांडे साक्षात प्रकट हुईं और बताया कि वह जिंदा हैं. उन्हें कुछ नहीं हुआ है और कैंसर भी नहीं हैं. उन्होंने ये सब एक कैंपेन के लिए किया. मगर पूनम पांडे की इस हरकत से तमाम डॉक्टर्स भी हैरान हैं. जो उनकी हरकत पर हैरानी जताते हैं.


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पूनम पांडे का ये तरीका न तो लोगों को पसंद आया न ही सेलिब्रिटीज को. इतना ही नहीं, ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने तो पूनम पांडे और उनके मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की मांग भी की. वहीं, शारदा अस्पताल के डॉक्टर अनिल ठाकवानी ने भी पूनम पांडे के कदम को 100 फीसदी गलत बताया और उनकी निंदा की.


 




पूनम पांडे की हरकत पर डॉक्टरों का क्या कहना है
ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में निदेशक और वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर अनिल ठाकवानी ने कहा, 'मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे ने कैंसर पेशेंट्स और खासतौर पर सर्वाइकल कैंसर पीड़ितों का मजाक बनाया है. यह गंभीर मुद्दा है. इस हरकत ने नैतिक चिंताएं पैदा कर दी है. उनका ये बर्ताव बहुत ही अंसवेदनशील है. साथ ही जो लोग इस घातक बीमारी का सामना कर रहे हैं, उन लोगों में निराशा बढ़ाता है. लोगों के अंदर मनहूसित भी पैदा करती है. इससे कैंसर से लड़ रहे मरीजों में नेगेटिविटी पैदा होती है. ये एक गंभीर बीमारी है जिसमें पॉजिटिविटी बहुत काम आती है. लेकिन पूनम पांडे ने इसका मजाक बनाकर रख दिया. ये बहुत जरूरी है कि हम ऐसे एक्शन की निंदा करें और जो औरतों इस बीमारी से लड़ रही हैं उन्हें हिम्मत दें.'