Relation With In Laws: भारतीय परिवारों में ससुराल वालों का दखल देना काफी नॉर्मल बात मानी जाती है, लेकिन ये तब परेशानी का सबब हो सकता है जब इससे लड़के की मैरिड लाइफ में खलल पड़ने लगे. पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती के लिए जरूरी है कि वो अपने घर के मामलों को खुद से ही सुलझाएं और बाहरी दखल से बचें.  हम समझने की कोशिश करेंगे कि लड़के किस तरह अपने पर्सनल मैटर्स ससुराल वालों का दखल रोक सकते हैं और अपनी शादीशुदा जिंदगी को खुशनुमा बना सकते हैं.


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1. लिमिट तय करें


पहला कदम ये है कि दामाद अपने और ससुराल वालों के बीच क्लीयर लिमिट तय करे. ये लक्ष्मण रेखा पर्सनल, फाइनेंशियल और फैमिली डिसीजन पर हो सकती हैं. जैसे लड़का ये साफ कर सकता है कि पत्नी के मायके वाले उसकी निजी जिंदगी में कैसे और कहां तक दखल दे सकता है. सीमाएं स्थापित करने से रिलेशन को लेकर क्लियरिटी आती है, और इससे गलतफहमियां दूर होती हैं.


2. कम्यूनिकेशन की अहमियत को समझें

अक्सर ससुराल वालों के दखल की अहम वजह गलतफहमी होती है. लड़के को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि वो अपनी पत्नी और ससुराल वालों से खुलकर बातचीत करें. कम्यूनिकेशन में संयम और आदर का पालन करना जरूरी है ताकि किसी की सेल्फ रिस्पेक्ट पर आंच न आए. इसके साथ ही लड़के को अपनी पत्नी के साथ मिलकर उनके मन में ससुराल वालों के प्रति किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं को पनपने से रोकना चाहिए.


3. आजादी और जिम्मेदारी की भावना विकसित करें

लड़के को अपने घर में आजादी और जिम्मेदारी की भावना को बनाए रखना चाहिए. जब लड़का खुद अपने फैसले लेने की जिम्मेदारी उठाएगा और परिवार के मामलों को तरजीह देगा, तो ससुराल वालों का दखल अपने आप ही कम हो जाएगा. ये स्थिति खासकर तब अहम होती है जब फाइनेंशियल डिजीजन या बच्चों के पालन-पोषण जुड़े मसले हों.


4. वाइफ को कॉन्फिडेंस में लें


इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि लड़के को अपने घर के मामलों में ससुराल वालों के दखल को रोकने के लिए अपनी वाइफ को कॉन्फिडेंस में लेना चाहिए. दोनों मिलकर इस मसले पर खुलकर चर्चा करें और एक मिलाजुला नजरिया अपनाएं. ये तरीका खास तौर से तब मददगार साबित होती है जब ससुरालवालों की एक्पेक्टेशन ज्यादा हो जाती हैं.


5. सम्मानजनक दूरी बनाए रखें

लड़के को अपने ससुराल वालों के साथ सम्मानजनक दूरी बनानी चाहिए. इसका मतलब ये नहीं है कि रिश्ते को खत्म कर देना है, बल्कि इसका मकसद ये है कि उनके दखल को सीमित करना है. लड़के को नियमित लेकिन संतुलित मुलाकातें और बातचीत करनी चाहिए ताकि रिश्ते में प्रेम और सम्मान बना रहे.