Disadvantages of Open Marriage: मॉर्डन जमाने में ओपन मैरेज का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, पहले ये हाई सोसाइटी या अल्ट्रा रिच लोगों तक सीमित था, लेकिन आजकल मिडिल क्लास कपल भी इसे फॉलो कर रहे हैं. भारतीय समाज में जहां शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है, वहां खुलेपन के क्या मायने हो सकते हैं, आइए समझने की कोशिश करते हैं.


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ओपन मैरिज क्या है?



ओपन मैरिज नॉन-मोनोगैमी का एक रूप है जिसमें शादीशुदा जोड़े इस बात को लेकर सहमत हो जाते हैं कि दोनों में से कोई भी इंसान एक्ट्रामैरिटल या रोमांटिक अफेयर रख सकता है, इसे बेवफाई नहीं मानी जाएगी बल्कि म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग के तहत ऐसा किया जाएगा. दोनों में से किसी पार्टनर को इससे परेशानी नहीं होगी. यानी हस्बैंड अपने लिए गर्लफ्रेंड रख सकता है, वही दूसरी तरफ वाइफ भी अपने लिए बॉयफ्रेंड बना सकती है. ऐसे में कपल का घर से बाहर भी लव रिलेशनशिप बिना रोक टोक के चलता रहता है.


 


ओपन मैरिज के नुकसान


1. डर


इस तरह का रिलेशनशिप भले ही कितनी भी एक्साइटिंग क्यों न लगता हो, लेकिन हमेशा कुछ बात का डर लगा रहता है, जैसे-अगर इमोशनल अटैचमेंट हो जाए तो क्या करें, अपने मन को कैसे समझाएं. कई बार समाज में सच सामने आने का खौफ पैदा हो जाता है. इससे एंग्जायटी होने का रिस्क बढ़ता है जो मेंटल हेल्थ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है.



2. जलन


भले ही मैरिड कपल एक दूसरे को एक्ट्रामैरिटल अफेयर रखने की इजाजत देते हों, लेकिन कई मौके पर आपको जलन पैदा हो सकती है, जिससे इनसिक्योरिटी, लो सेल्फ एस्टीम और अनिश्चितता का खतरा रहता है. कई बार हद से ज्यादा जलन घरेलू अपराध का कारण बन सकता है.


3. यौन रोगों का डर


जाहिर सी बात है कि अगर आपके एक से ज्यादा यौन पार्टनर होंगे तो एड्स, सिफिलिस और गोनोरिया जैसे यौन रोगों का खतरा बना रहेगा. साथ ही संक्रमण आपके पति या पत्नी में भी फैल सकता है, जिससे लाइफ रिस्क पैदा हो सकता है.


4. खर्च बढ़ेगा


शादी के अलावा भी अगर आप पार्टनर रखते हैं, तो उनके साथ रिलेशनशिप मेंटेन करने का खर्च भी होगा, यानी आप नॉर्मल मैरिज के मुकाबले ओपन मैरिज में ज्यादा मनी स्पेंड करेंगे. इसमें डेटिंग, गिफ्ट, ट्रास्पोर्ट और कहीं हॉलीडे मनाने का खर्च शामिल है. यानी आपकी जेब ढीली हो सकती है


5. बच्चों पर असर


अगर ओपन मैरिज का राज़ आपके बच्चों के सामने खुल जाता है, तो इससे न सिर्फ खुद को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, बल्कि इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है. हो सकता है कि वो पैरेंट की रिस्पेक्ट न करें या फिर वो इसी गलत आदत को फ्यूचर में फॉलो कर सकते हैं.