सबसे जरूरी है अपने आप से रिश्ता, सेल्फ लव से लाइफ आते हैं ये 4 पॉजिटिव चेंजेज
ऐसा अक्सर कहा जाता है कि अगर आप खुद से प्यार नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर किसी और से प्यार कैसे करेंगे. इसलिए सेल्फ लव को इतनी अहमियत दी जाती है.
Importance Of Self Love: हमारी लाइफ में बहुत से लोग इंपॉर्टेंट होते हैं और हम सभी से प्यार करते है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर वो लोग हमारी जिंदगी में न रहें तो हम पर क्या बीतेगी? हम इनके बिना कैसे अपना जीवन बिताएंगे? अक्सर कई बार सबसे प्यार करने के चक्कर में, सबको अहमियत देने की वजह से हम अपने आप कहीं पीछे छोड़ देते हैं. अब चाहे ये प्रॉब्लम्स आपके घर में हो, फ्रेंड्स में या फिर रिलेशनशिप में खुद को समझना, प्रायोरिटी देना, सेल्फ केयर और लव बहुत जरूरी है. क्योंकि आखिर में जिंदगी में सिर्फ आप ही अकेले रह जाते हो. आज हम बताएंगे कि जब आप अपने लिए सोचने लगते हो, खुद को इंपॉर्टेंस देने लगते हो, को जिंदगी में क्या-क्या बदलाव आने लगते हैं.
सेल्फ लव के फायदे
1. मेंटल हेल्थ
जब हम अपने लिए वक्त निकालते हैं, जैसे एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन तब हमें मन को शांत रखने को मौका मिलता है, जिस से दिमाग भी सही पॉजिटिव सोच पाता है. इसके लिए जरूरी है कि हम इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन यानी खुद से बातें करें और पूछें कि वो कौन सी चीज है जो मुझे सबसे ज्यादा खुशी देती है. जब जवाब मिल जाए तो उस हैप्पिनेस को पाने की कोशिश करें.
2. रिश्तों में सुधार
जब आप खुद से प्यार करने लगते हैं, तो हमारे रिश्तों में भी सुधार आने लगता है. कई बार रिश्तों में मन-मुटाव हो जाता है, जिसके कारण हमारी लाइफ डिस्टर्ब भी इफेक्ट होने लगती है और काम में भी मन नहीं लगता. तो जब हमारा दिल, दिमाग सबसे पहले अपने बारे में सोचेगा, तो दूसरों की न ही कोई टेंशन होगी न ही जिंदगी में कुछ परेशानियां महसूस होगी
3. फिजिकल फिटनेस
फिजिकल फिटनेस भी खुद से प्यार करने का एक बेहतरीन तरीका है. ये हमारी मेंटल हेल्थ पर बहुत पॉजिटिव इफेक्ट डालती है. रोजाना एक्सरसाइज करने से हमारी बॉडी भी हेल्दी रहती है और मन में शांति बनी रहती है. इससे स्लीप साइकिल में भी कोई डिस्टर्बेंस नहीं होता जिससे हमारी इमोशनल स्टेबिलिटी में बैलेंस बनी रहता है.
4. प्रोडक्टिविटी लेवल
अगर आप अपने पर ध्यान देते हैं तो ये करियर की ग्रोथ करने में मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि जब किसी के बारे में कोई फिक्र नहीं होगी तो ध्यान सिर्फ अपनी चीजों पर होगा कि कैसे खुद को कामयाब बनाना है और किस तरह से अपने गोल्स अचीव करने हैं. मन शांत होने से प्रोडक्टिविटी लेवल में भी सुधार आता है.