नई दिल्ली: चाय (Tea Lover) के शौकीन लगभग सभी होते हैं. हर गली, हर नुक्कड़ पर चायकी दुकान जरूर होती है. कई बार कप का डिजाइन देख कर भी चाय पीने का मन हो जाता है. लेकिन, अगर आप भी कागज के कप (Harmful Effect Of Disposable Cup) )  से चाय पीते हैं, तो सावधान हो जाइए! वर्ना आपकी यह गलती आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है. आपकी लाइफस्टाइल (Lifestyle Tips) आपके सेहत को बहुत प्रभावित करती है. ऐसे में अगर आपकी भी आदत में शामिल है कागज के कप में चाय पीना तो आज ही इसे बदले लें.


कागज का कप नुकसानदेह 


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हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति कागज के कप में दिन में तीन बार चाय पीता है, तो उसके शरीर में प्लास्टिक के 75,000 सूक्ष्म कण चले जाते हैं. अब आप स्वयं ये अंदाजा लगा सकते हैं कि कागज के बने कप (Harmful Effect Of Disposable Cup) का एक बार भी इस्तेमाल करना सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है.


हाइड्रोफोबिक फिल्म का होता है इस्तेमाल 


गौरतलब है कि कागज के कप में चाय पीने को लेकर आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) ने एक अध्ययन भी किया है, जिसमें सेहत पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के बारे में बताया गया है. इस अनुसंधान का नेतृत्व करने वाली आईआईटी खड़गपुर में एसोसिएट प्रोफेसर सुधा गोयल (Sudha Goyal) ने बताया कि कागज के डिस्पोजल कपों में पेय पदार्थ पीना आम बात हो गई है.  लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए जहर का काम करती है. 


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क्या कहता है अध्ययन


अध्ययन के अनुसार, 'हमारे अनुसंधान में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन कपों में प्लास्टिक और अन्य हानिकारक तत्वों के कारण गर्म तरल वस्तु संदूषित हो जाती है. इन कपों को बनाने के लिए आमतौर पर हाइड्रोफोबिक फिल्म (Hydrophobic Film) की एक परत चढ़ाई जाती है, जो मुख्तय: प्लास्टिक की बनी होती है. इसकी मदद से कप में तरल पदार्थ टिका रहता है. यह परत गर्म पानी डालने पर 15 मिनट के भीतर गलने लगती है. '


सूक्ष्म कणों के स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम 


सुधा गोयल बताती हैं कि हमारे अध्ययन के अनुसार एक कप में 15 मिनट के लिए 100 मिली. गर्म तरल रखने से उसमें 25,000 माइक्रोन आकार के प्लास्टिक के सूक्ष्म कण घुलने लगते हैं. यानी रोजाना तीन कप चाय या कॉफी पीने वाले व्यक्ति के शरीर में प्लास्टिक के 75,000 सूक्ष्म कण चले जाते हैं, जो आंखों से दिखाई नहीं देते. इसके स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते है. 


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